Monsoon Session of Uttarakhand Assembly: देहरादून में 23 अगस्त से विधानसभा का मानसून सत्र (Monsoon Session) चल रहा है. सत्र को 27 अगस्त तक आहुत किये जाने की तिथि रखी गई थी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने एक दिन और बढ़ाकर सत्र के छठवें दिन राज्य के सतत विकास को लेकर चर्चा रखी. उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) के मानसून सत्र के छठवें दिन सतत विकास को लेकर विधानसभा में विस्तार से चर्चा हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच यह चर्चा राज्य के विकास को लेकर हुई. जिसमें सभी विधायकों ने अपनी-अपनी बात रखी. राज्य के विकास के रोडमैप पर विधायकों ने चर्चा में अपने कई सुझाव दिये. 


राज्य के विकास को लेकर रखा गया रोडमैप


सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने राज्य के विकास के रोडमैप को लेकर अपने अपने विचार रखे. शिक्षा, रोजगार ,सड़क और बिजली जैसे अहम मुद्दों को लेकर विधायकों द्वारा सदन के भीतर सुझाव दिए गए. जिन सुझाव पर सरकार ने भी अमल करने का विपक्ष को आश्वासन दिया है.


शिक्षा की गुणवत्ता पर दिया सुझाव


सदन के दौरान अधिकांश विधायकों ने कृषि के समायोजित विकास को लेकर अपने सुझाव दिए. वहीं, शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने पर भी विधायकों द्वारा सुझाव दिए गए. विपक्ष की ओर से उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा ने भी सरकार को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए, उन्होंने कहा कि, जो सुझाव रखे गए हैं उन पर सरकार को अमल करना चाहिए. माहरा ने पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि, वहां बागवानी को बड़े स्तर पर विकसित किया गया है, तो क्यों ना उत्तराखंड में भी बागवानी को विकसित करके कृषि को बढ़ावा दिया जाए, तो वहीं काजी निजामुद्दीन ने यह अपेक्षा जताई कि, सदन के भीतर जो सुझाव आए हैं उन पर सरकार गहनता से विचार करना चाहिए.


सभी सुझावों पर होगा विचार 


दूसरी ओर सदन के भीतर चर्चा की सराहना सत्ता पक्ष के मंत्री और विधायकों ने भी की. सरकार में संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि, दुनिया भर में सतत विकास को लेकर गहनता से विचार किया जा रहा है, उसी उद्देश्य को लेकर उत्तराखंड के विकास को लेकर भी सदन में आज चर्चा की गई है. उन्होंने कहा कि, जो भी सुझाव सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के आए हैं, उन पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, लेकिन यह कमरों में बैठकर नहीं होगा, इसके लिए मजबूती से आगे बढ़ना होगा. वहीं, विधायक गणेश जोशी ने कहा कि, औद्योगिक विकास के क्षेत्र में राज्य में रोजगार के नए साधन खोले जाएंगे, खासतौर पर पहाड़ों में रोजगार देने को लेकर छोटे-छोटे उद्योग लगाये जाने पर भी बात हुई है ताकि राज्य का सतत विकास किया जा सके.


उत्तराखंड में यह पहली बार हुआ, जब विधानसभा सत्र में सतत विकास को लेकर सत्र एक दिन और बढ़ाकर सत्ता और विपक्ष के विधायकों से उनकी राय मांगी गई हो और खुलकर चर्चा की गई हो. विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा रखी गई सतत विकास की इस चर्चा पर उनका धन्यवाद भी दिया.



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