वाराणसी, नितीश कुमार पाण्डेय: पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले बीएचयू कोविड अस्पताल में इन दिनों सब कुछ ठीक ठाक नहीं है. बीते दिनों से अव्यवस्था का वीडियो वायरल हो रहा था लेकिन अब लगता है कि बीएचयू प्रशासन के हाथ से व्यवस्था फिसल रही है. पहले कोविड मरीजो का फरार होना और अब कोविड मरीज की आत्महत्या ने अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं.


सवालों के घेरे में इंतजाम
बीएचयू अस्पताल को एल 3 ग्रेड का अस्पताल बनाया गया है लेकिन इस अस्पताल में अव्यवस्था आम है. यहां मरीज को लाना और भर्ती कराना किसी जहमत से कम नहीं. अगर भर्ती हो भी गए तो मरीज यहां से कब फरार हो जाता है किसी को खबर नहीं लगती. इसका एक उदाहरण 9 अगस्त को मिला जब एक कोविड मरीज के बीएचयू अस्पताल से फरार होने की सूचना मिली. हड़कम्प मचा लेकिन 23 अगस्त को एक मरीज और भाग गया. मामला शांत नहीं हुआ था कि एक कोविड मरीज ने खिड़की से कूदकर आत्महत्या कर ली.


इंतजाम का दावा
बीएचयू अस्पताल में व्यवस्था के तमाम इंतजाम दावे भी पूरे हैं लेकिन इसके इतर अव्यवस्था चरम पर है. इस पूरे मामले पर बीएचयू एमएस एसके माथुर सवालों से बचते नजर आ रहे हैं. बयान जारी कर इन्होंने कोविड मरीज की आत्महत्या का कारण मानसिक असंतुलन बताया लेकिन बाकी अव्यवस्थाओं पर इनकी चुप्पी साफ तौर पर इशारा कर रही है कि दाल में कुछ तो काला है.


धूमिल हो रही छवि
बीएचयू में पूर्वांचल बिहार सहित बंगाल तक के मरीज इलाज के लिए आते हैं. लेकिन, अस्पताल की ओपीडी से लेकर कोविड अस्पताल की अव्यवस्था अस्पताल प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है. अब देखना ये होगा कि आगे व्यवस्था कैसे सुधरेगी.


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