अयोध्या/लखनऊ, एजेंसी। राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले शनिवार को राम नगरी अयोध्या में दीपोत्सव मनाया गया। इस मौके पर एक साथ करीब छह लाख दिये जलाने का विश्व कीर्तिमान 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में दर्ज हुआ। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे।


दीपोत्सव के अवसर पर चार लाख से अधिक दिये अकेले राम की पैड़ी के घाटों पर जलाए गए। वहीं दो लाख दिए रामनगरी के 11 अन्य चुनिंदा स्थलों पर प्रज्ज्वलित किए गए। अयोध्या में शनिवार रात लाखों लोग इस भव्य कार्यक्रम में शामिल हुये।



निदेशक सूचना, शिशिर ने बताया था कि इस बार चार लाख दस हजार दिये अकेले राम की पैड़ी के घाटों पर जलाये गये। यह घोषणा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्रतिनिधि द्वारा की गयी, जो कि नया कीर्तिमान है। इसके अलावा दो लाख से अधिक दिये राम की नगरी अयोध्या में 11 अन्य स्थानों पर प्रज्ज्वलित किये गये।


दीपोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'भगवान राम की मर्यादा हमें विजयश्री की ओर आगे बढ़ाती है। हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है, एक सकारत्मकता का संचार सबके मन मष्तिस्क में करती है, और भगवान राम की इस मर्यादा का उल्लंघन हम कभी नहीं करेंगे।'



सीएम ने कहा कि 'भगवान राम के आदर्शों से प्रेरित होकर ही हम अपनी संपूर्ण ऊर्जा का इस्तेमाल यहां अयोध्या को अवधपुरी का सम्मान दिलाने और उत्तर प्रदेश और देश के विकास में अपना योगदान देने में करेंगे।'


मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें अयोध्या के नाम से डरती थीं, यहां आना नहीं चाहती थीं। लेकिन ढाई वर्ष के अपने कार्यकाल में मैं डेढ़ दर्जन बार अयोध्या आ चुका हूं। जब भी आता हूं आप सभी की कृपा से सैकड़ों करोड़ रुपये की योजना यहां के लिए लेकर आता हूं।





सीएम योगी ने कहा कि, 'राम की परंपरा पर हम सबको गौरव की अनुभूति होती है। अयोध्या का नाम आते ही रामराज्य हमारे मन मस्तिष्क में खुद-ब-खुद आ जाता है। रामराज्य शासन की एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें जाति, मत, मजहब, संप्रदाय, क्षेत्र और भाषा के आधार पर किसी के साथ भेदभाव ना हो। विगत पांच वर्षों में शासन की योजनाओं को जिस प्रतिबद्धता के साथ देश के अंदर लागू किया गया है, यह आधुनिक रामराज्य का उदाहरण है।'


योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'दुनिया के हर सनातन धर्मावलम्बी के लिए अयोध्या की पहचान उसी रूप में है, जैसे अन्य मतावलम्बियों के लिए अपने-अपने पवित्र स्थलों की पहचान है। दीपोत्सव का कार्यक्रम अपने पवित्र स्थल और उनकी मर्यादा की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। हजार वर्षों की अपनी विरासत के साथ आपको जोड़ते हुए और पर्यावरण की रक्षा करते हुए हम अपने आयोजन को सामूहिक रूप से आगे बढ़ा सकते हैं।'


सीएम योगी ने यह भी कहा कि 'हमने कभी किसी को परेशान नहीं किया, लेकिन किसी ने हमारे शस्त्र या स्वाभिमान को ललकारने का प्रयास किया, तो उसके मांद में घुसकर मुंहतोड़ जवाब देने का कार्य आज भारत का नेतृत्व कर रहा है। इससे ज्यादा गर्व की बात क्या हो सकती है आज भारत दुनिया की एक महाशक्ति और फिर से विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो रहा है।'





इससे पहले राम, सीता और लक्ष्मण के हेलीकॉप्टर से अयोध्या आगमन का प्रतीकात्मक मंचन किया गया। खुद योगी ने सीता-राम और लक्ष्मण की आरती उतारी। प्रभु श्री राम का योगी और महंत नृत्य गोपाल दास ने राज्याभिषेक भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुख्य अतिथि के रूप में फिजी की संसद की उपसभापति वीना भटनागर, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल मौजूद रहे।