Diwali Puja Muhurta 2023: देशभर में दिवाली उत्सव की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. इस त्योहार पर लोग अपने घरों को मिट्टी के दीयों से रोशन करते हैं. ऐसे में दिन रात मिट्टी के दीये बनाने का काम हो रहा है. आने वाले प्रकाश उत्सव दीपावली पर भव्य रूप में साज सजावट के सामानों को तैयार करने को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है. वाराणसी का एक ऐसा ग्रामीण क्षेत्र है जहां पर बीते 30 सालों से सैकड़ों कुम्हार परिवार दिवाली से पहले दीये बनाने की तैयारी में जुट जाते हैं.
बनारस के इस गांव में दिवाली से पहले लाखों दीये बनाए जाते हैं. इन दीयों की मांग काशी से लेकर अयोध्या तक रहती है. इस बार भी गांव के कुम्हार परिवारों द्वारा लाखों की संख्या में दीये तैयार किए जा रहें हैं. ये सभी दिन रात दीये बनाने में जुटे हुए हैं.
दीये बनाने में दिन रात जुटे कारीगर
दरअसल वाराणसी के शिवपुर स्थित सुद्धिपुर ग्रामीण क्षेत्र में सैकड़ों कुम्हार परिवार रहते हैं. इस ग्रामीण क्षेत्र में 30 सालों से भी अधिक समय से दीये बनाने के साथ-साथ प्रकाश उत्सव पर दीपक जलाने वाले मिट्टी के समान तैयार किए जाते हैं. इस बारे में जब एबीपी न्यूज ने दिए बनाने वाले सुजीत प्रजापति से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि इस बार दीयों की भारी मांग है.
दीयों की इस साल भारी मांग
सुजीत प्रजापति ने कहा कि इस वर्ष दीपावली और आने वाले देव दीपावली को लेकर दीयों की मांग पिछले सालों की तुलना में अधिक है. अब तक 1.5 लाख से अधिक दीयों के आर्डर मिल चुके हैं और यह दीये वाराणसी के आसपास जनपद के साथ-साथ अयोध्या तक भेजे जाएंगे.
इसके अलावा दीये बना रहे अन्य कारीगरों ने बताया कि लगभग तीन दशक से अधिक समय से हम सभी दीये बना रहे हैं और हर वर्ष विशेष तौर पर इस ग्रामीण क्षेत्र में दिए आर्डर किए जाते हैं. बीते वर्षों की तुलना में इस वर्ष इन दीयों की मांग अधिक है. विशेष तौर पर दीपावली के सीजन में परिवार के अन्य सदस्य भी अधिक संख्या में दीये बनाने के लिए तत्पर रहते हैं.
कारीगरों ने बताया कि वो एक दिन में करीब 10 हजार दीये तक बना लेते हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी को पूरे वर्ष इस प्रकाश उत्सव का बेसब्री से इंतजार रहता है.