Diwali Puja Muhurta 2023: अयोध्या के बाद रविवार (12 नवंबर) को धर्मनगरी चित्रकूट में भी सुबह से दीवाली की धूम है. दीवाली के मौके लाकों संख्या में श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचे रहे हैं. इस दौरान श्रद्धालु मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद मतगजेंद्र नाथ मंदिर में जलाभिषेक करते हैं. इसके बाद श्रद्धालु कामतानाथ भगवान के दर्शन कर कामदगिरि पर्वत की पांच कोसीय परिक्रमा कर अपनी मनोकामना मांगते हैं. ऐसी मान्यता है कि प्रभु श्रीराम ने लंका विजय के बाद चित्रकूट में दीपदान किया था, तब से चित्रकूट में दीपावली आमावस्या मेला का आयोजन होता चला आ रहा है.


धार्मिक मान्याताओं के अनुसार, दीवाली के दिन श्रद्धालु जो भी मनोकामनाएं करते हैं, भगवान राम उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की तपस्थली चित्रकूट धाम में रविवार (12 नवंबर) को दीपावली मेला पर्व पर अमावस्या के दिन भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा. दीपावली मेला क्षेत्र 20 से 25 किलोमीटर के दायरे में फैला है, इस मौके पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है. ये श्रद्धालु देश के अलग-अलग हिस्से से यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचे हैं. कामदगिरि प्रमुख द्वार, कामदगिरि परिक्रमा मार्ग के साथ ही राम घाट, भरत घाट, प्रमोद वन, जानकीकुंड, सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी, भरत कूप आदि चित्रकूट के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालु पूरी श्रद्धा भाव से तीर्थ कर रहे हैं. 


चित्रकूट को दुल्हन की तरह सजाया गया
कामदगिरि प्रदक्षिणा के प्रमुख द्वार राम मुहल्ले से शुरू हुई दर्शकों की आमद देखते ही देखते जनसैलाब में बदल गई. इस मौके पर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा. हालांकि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और गहमा गहमी के चलते कई तीर्थ यात्रियों को चोट भी आई है. सजग प्रशासनिक व्यवस्था के चलते तुरंत ही घायल श्रद्धालुओं को चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई गई. दीपदान के समय शाम को भीड़ और बढ़ने की संभावना है. अभी लाखों की संख्या में श्रद्धालु चित्रकूट में दर्शन कर  दीपदान कर चुके हैं, जबकि शाम तक और आने की उम्मीद है. जिला प्रशासन ने मेले को लेकर चित्रकूट को दुल्हन की तरह सजाया है. सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से इसे कई जोन और सेक्टर में बांटकर भारी पुलिस बल तैनात किया है. 


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