Laxmi Puja And Choghadiya Muhurat On Diwali 2023: धनतरेस से रोशनी के त्योहार दिवाली का उत्सव शुरू हो जाता है और समापन भाई दूज के साथ होता है. इस बार दिवाली का उत्सव 10 नवंबर से शुरू हो रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दिवाली देशभर में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. मान्यता है कि रावण वध के बाद अयोध्या लौटने पर भगवान राम के स्वागत में दीप जलाए गए थे. तब से दिवाली का पर्व अंधकार पर विजय का प्रतीक बन गया. दिवाली पर सुबह जल्दी उठकर पूजा की जाती है. दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है. भगवान गणेश और देवी सरस्वती को भी पूजने की परंपरा है. दिवाली के पहले दिन को धनतेरस कहा जाता है. हिंदू धर्म में दिवाली को सुख-समृद्धि का पर्व माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस बार दीपावली बहुत खास रहेगी. छोटी और बड़ी दिवाली का संयोग एक ही दिन बन रहा है. दोनों दिवाली का मुहूर्त 12 नवंबर को पड़ रहा है. 12 नवंबर को सुबह चतुर्दशी और दोपहर बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी. 


नवंबर 10- धनतेरस
पंचांग के अनुसार धनतेरस का पूजा मुहूर्त 10 नवंबर को 5.47 बजे शुरू होकर 7.43 पर खत्म होगा. मुहुर्त करीब एक घंटा 56 तक के लिए रहेगा. 


नवंबर 11- नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली
दूसरे दिन 11 नवंबर को छोटी दिवाली के नाम से नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी. दीपदान का शुभ मुहूर्त शाम 5.29 बजे से शुरू होकर रात 8.06 बजे समाप्त होगा. 


12 नवंबर- दिवाली
पंचांग के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का समय शाम 5.39 बजे से शाम 7.35 बजे तक रहेगा. आज के दिन दिवाली का मुख्य उत्सवा मनाया जाता है. 


लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 
अमावस्था तिथि 12 नवंबर को दोपहर 2.45 बजे शुरू होकर अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 2.56 बजे होगी. 


प्रदोष काल का मुहूर्त 
प्रदोष काल का मुहूर्त 12 नवंबर को 05:29 से 08:07 तक रहेगा. दिवाली पर लक्ष्मी पूजन अमावस्या तिथि और प्रदोष काल के संयोग में करना शुभ माना जाता है. वृषभ काल का समय 05:40 से 07 :36 तक रहेगा. प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का पवित्र समय शाम 5.39 से 7.33 बजे तक होगा.  


नवंबर 13- गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सुबह 6.43 बजे से सुबह 8.52 तक रहेगा. गोवर्ध पूजा दिवाली के एक दिन बाद मनाया जाता है. आज के दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है.  लोगों की मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने मथुरा के लोगों की रक्षा की थी. 


नवंबर 14- भाई दूज
दिवाली के उत्सव का समापन भाई दूज अंतिम दिन भाई दूज या भैया दूज से होता है. भाई दूज भाई और बहनों के बीच प्रेम बंधन का खास मौका होता है. 14 नवंबर को भाई दूज का त्योहार पड़ रहा है. अपराह्न मुहूर्त्त दोपहर 01:10 बजे से 3:19 बजे तक रहेगा. 


दिवाली शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ) 01:26 से 02:47 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल) 05:29 से 10:26 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) 01:44 से 03:23 तक
उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ) 05:02 से 06:41 तक


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