UP News: किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी कौशल्यानंद गिरि उर्फ टीना मां ने भी दीपावली के मौके पर प्रदूषण का हवाला देते हुए पटाखे फोड़े जाने की नसीहतों को लेकर कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने इस बारे में दिए गए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री के बयान का भी खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि इस तरह की नसीहतें और बयानबाजी सिर्फ हिंदुओं के त्योहार पर ही क्यों दी जाती हैं. 


नए साल पर पूरी रात पटाखे फोड़े जाते हैं. बकरीद पर जानवरों का वध कर खून बहाया जाता है, लेकिन उस वक्त कोई आवाज नहीं उठाता. सभी के मुंह बंद रहते हैं. साध्वी कौशल्या नंदन गिरि उर्फ टीना मां का कहना है कि इस बार की दीपावली बेहद खास है. पांच सौ सालों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है. ऐसे में इस बार प्रदूषण और दूसरी दलीलों को नजरअंदाज कर धूमधाम से दीवाली मनानी चाहिए और शगुन के तौर पर पटाखे भी फोड़ने चाहिए. 


प्रदूषण ना के बराबर होता है- साध्वी कौशल्या नंदन गिरि
उन्होंने कहा है कि किन्नर अखाड़े में भी इस बार के मुताबिक दीपावली मनाई जाएगी और साथ ही आतिशबाजी कर पटाखे भी फोड़ जाएंगे. साध्वी कौशल्यानंदन गिरि का कहना है कि दीपावली के मौके पर लोग सिर्फ शगुन के तौर पर आतिशबाजी करते और पटाखे फोड़ते हैं. वैसे भी अब बाजार में ग्रीन पटाखे ही बिकते हैं. इसमें प्रदूषण ना के बराबर होता है. ऐसे में अगर लोग दीवाली की खुशियां मनाने और परंपराओं को निभाने के लिए थोड़े पटाखे जलाते हैं तो उसे पर्यावरण पर कोई खास असर नहीं पड़ता है. 


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किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी कौशल्यानंद गिरि उर्फ टीना मां के साथ ही प्रयागराज के दूसरे संत महात्माओं ने भी बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री के बयान का समर्थन करते हुए पटाखों को लेकर दी जाने वाली नसीहतों और और रोक को लेकर अपना विरोध जताया है. संतों का कहना है कि अगर प्रदूषण का हवाला दिया जाए तो उसमें ना तो भेदभाव किया जाए और ना ही सनातन धर्मियों को निशाना बनाया जाए. अगर रोक लगानी ही है तो नए साल और बकरीद पर होने वाले प्रदूषण से ही इसकी शुरुआत की जानी चाहिए.