Diwali 2024: दीपावली का त्योहार खास उमंग के साथ हर परिवार के लिए नई खुशियां लेकर आता है. इस त्यौहार को लेकर लोगों के द्वारा काफी दिनों से तैयारी की जाती है. दीपावली के मौके पर लोगों के द्वारा घरों की रंगाई पेंटिंग का काम भी शुरू कर दिया जाता है. खास तौर पर दीपावली से पहले लोगों के द्वारा घरों की सफाई भी की जाती है. 


लेकिन अगर बाजारों की बात कही जाए तो रोजाना प्रयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं में खासतौर पर ज्यादातर परिवार के लोग बर्तनों को दीपावली पर खरीदना शुभ मानते हैं. चाहे वह गिफ्ट की बात हो चाहे वह पूजा के दौरान प्रयोग में लाये जाने वाले बर्तन हो. बर्तनों की खास डिमांड दीपावली पर देखी जाती है. लेकिन इस बार दीपावली पर पीतल और तांबे के बर्तन जनता की खास डिमांड बने हुए हैं.


100 करोड़ रुपए का कारोबार
वजह है पीतल और तांबे के बर्तनों पर नक्काशी की जाने से उनकी डिमांड खास तौर पर बढ़ती नजर आ रही है. जिसकी वजह से यह बर्तन घर में डिजाइन के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक बताई जाती है. जानकारों की माने तो अलीगढ़ में लगभग 100 करोड़ रुपए का कारोबार पीतल और तांबे की धातु का होना अबकी बार बताया जा रहा है.


दरअसल, पूरा मामला अलीगढ़ का है जहां रामघाट रॉड पर सजने वाले बर्तन बाजार में दीपावली के मौके पर तांबे और पीतल के बर्तनों की खास मांग देखी जा रही है. दीपावली के अवसर पर लोगों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है और तरह-तरह के पीतल और तांबे के बर्तन लोग खरीद रहे हैं. इसके पीछे मुख्य वजह है स्वास्थ्य को ठीक रखना और इन बर्तनों से होने वाले फायदों के प्रति लोगों की जागरूकता. 


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कई तरह के लाभ
तांबे और पीतल के बर्तनों से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं. जैसे कि पानी को शुद्ध करने की क्षमता, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देना और शरीर के विषाक्त तत्वों को दूर करना. इस साल तांबे और पीतल के बर्तनों पर विशेष नक्काशी की गई है, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इन बर्तनों पर हाथों से नक्काशी की जाती है, जो उन्हें अधिक सुंदर और विशिष्ट बनाती है.


कई लोग इन बर्तनों को अपने घर की सजावट के लिए भी खरीद रहे हैं क्योंकि इनकी डिजाइन में एक पारंपरिक और शाही आकर्षण होता है. दीपावली के इस त्यौहार में ये बर्तन सिर्फ सजावट के लिए ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य लाभ और शुभता के प्रतीक के रूप में भी अपनाए जा रहे हैं. दीपावली पर पुराने परंपरागत तरीकों को अपनाना लोगों को अपने सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं से जोड़ता है.