नई दिल्ली, एबीपी गंगा। राजस्‍थान के राजसमंद से बीजेपी सांसद और जयपुर की राजकुमारी दीया कुमारी ने दावा किया है कि उनका राजघराना भगवान राम के पुत्र कुश का वंशज है। दीया ने रविवार को कहा, 'इस दावे का आधार हमारे पास है। हस्तलिपि, वंशावली और दस्तावेज हमारे पोथी खाने में मौजूद हैं।' सांसद ने इन दस्‍तावेजों को भी सार्वजनिक किया है। दीया कुमारी ने राम मंदिर मुद्दे का जल्द समाधान होने की मांग भी की।





जयपुर के राजपरिवार का कहना है कि वे भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर ख्यात कच्छवाहा/कुशवाहा वंश के वंशज हैं और उनकी 310वीं पीढ़ी हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट उनसे सबूत मांगता हैं तो वे कोर्ट को इसके दस्तावेज देने को तैयार हैं। राजकुमारी दीया ने बताया कि जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह भगवान राम के बड़े बेटे कुश के 289वें वंशज थे।


हैं दस्तावेज


दीया का कहना है कि उनके पास एक पत्रावली है, जिसमें भगवान श्रीराम के वंश के सभी पूर्वजों का नाम क्रमवार दर्ज हैं। साथ ही उनके पास 9 दस्तावेज, 2 नक्शे रखे हैं जो साबित करते हैं कि अयोध्या के जयसिंहपुरा और राम जन्मस्थान सवाई जयसिंह द्वितीय के अधीन ही थे। 1776 के एक हुक्म में लिखा था कि जयसिंहपुरा की भूमि कच्छवाहा के अधिकार में हैं। भगवान श्री राम के कुशवाहा वंश के 63वें वंशज थे। इसी तरह पूर्व राजकुमारी दीयाकुमारी भगवान श्री राम की 310वीं पीढ़ी है।



जल्द बने राम मंदिर


अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान भगवान राम के वंशज के बारे में उठे सवाल पर दीया कुमारी ने कहा कि, 'अदालत ने पूछा कि भगवान राम के वंशज कहां है..दुनियाभर में भगवान श्रीराम जी के वंशज हैं। इसमें मैं और मेरा परिवार भी शामिल हैं, हम भगवान श्रीराम के पुत्र कुश के वंशज हैं।' उन्होंने कहा, 'भगवान श्रीराम सबकी आस्था के प्रतीक हैं। राम मंदिर मामले की सुनवाई तेजी से हो और अदालत जल्द अपना फैसला सुनाए, यही हमारी मंशा है। मंदिर जल्द से जल्द बनना चाहिए और इसमें रुकावटें नहीं आनी चाहिए।'



कोर्ट में हो रही है सुनवाई
गौरतलब है कि, शुक्रवार को अयोध्‍या मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रामलला पक्ष के वकील के पराशरन से यह पता लगाने को कहा था कि क्‍या भगवान राम के वंश का कोई सदस्‍य अयोध्‍या में रहता है। इसके बाद राजकुमारी दीया कुमारी का यह दावा सामने आया है। पीठ ने कहा था, 'हम सिर्फ सोच रहे हैं कि क्या 'रघुवंश' वंश का कोई व्यक्ति अब भी (अयोध्या में) रह रहा है।' पीठ ने कहा कि यह जिज्ञासावश पूछा जा रहा है। पराशरन ने जवाब दिया, 'मुझे जानकारी नहीं है। हम इसका पता लगाने की कोशिश करेंगे।' सुप्रीम कोर्ट अब अयोध्या मामले में रोजाना सुनवाई कर रहा है।