नई दिल्ली, एबीपी गंगा। ऑनलाइन लेनदेन का इस्तेमाल करना सही है लेकिन सुरक्षित तरीके से सतर्क रहकर। साइबर ठगी के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं इसके चलते एक मोबाइल यूजर को तकनीक का प्रयोग बेहद सावधानी से करना चाहिये। कई बार यूजर बिना जाने एप डाउनलोड कर लेते हैं और वे मुसीबत में पड़ जाते हैं। ये एप आपके मोबाइल की स्क्रीन को किसी अन्य के साथ साझा कर देते हैं और इस तरह आम शख्स ठगी का शिकार बन जाता है और उसके खाते से पैसे निकल जाते हैं। आज हम आपको ऐसे चार एप के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो बेहद ही खतरनाक हैं। एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट, एयरड्रोइड, टीम व्यूअर ये सभी एप आपकी स्क्रीन को साझा कर किसी बड़ी धोखाधड़ी को दावत देते हैं।


बोलचाल की भाषा में बात की जाये तो सॉफ्टवेयर अपडेट करने के लिये इन एप्स को डाउनलोड के लिये कहा जाता है, इसके बाद आपको फोन की स्क्रीन का नियंत्रण दूसरे के हाथ में चला जाता है..और आपके बैंक खाते से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी अजनबी के पास चली जाती है।


आपको बता दें कि ठगी के बढ़ते मामलों के बाद इन चारों एप को इंस्टॉल नहीं करने के लिए बुधवार को मध्य प्रदेश साइबर पुलिस के ग्वालियर जोन द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर अपील की गई है कि इस तरह के एप से सावधान रहें। पुलिस ने काफी जानकारी एकत्र करने के बाद इस तरह की साइबर ठगी के बारे में पता लगाया है।


दूसरे के नियंत्रण में आ जाती है आपकी मोबाइल स्क्रीन


ठगों द्वारा लिंक मैसेज या अन्य किसी माध्यम से टारगेट को यह स्क्रीन शेयरिंग इंस्टॉल करने के लिए एप्लीकेशन भेजी जाती है। इसको इंस्टॉल करते ही आपके फोन को इन ठगों द्वारा रिमोट एक्सेस ले लिया जाता है।


इसके बाद आपके फोन में कुछ भी गोपनीय नहीं रहता, जो भी आपके फोन से आप करते हैं वह ठगों को दिखता है। चाहे वह क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड पिन की जानकारी हो या कोई ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी, सब कुछ ठगों से शेयर हो जाता है। इसके बाद वह शिकार को अपने जाल में फंसा लेते हैं।