नई दिल्ली, एबीपी गंगा। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दो जूनियर डॉक्टरों पर हमले के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील और कड़े शब्दों में चेतावनी के बावजूद पिछले तीन दिनों से डॉक्टर हड़ताल पर हैं। सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश और यूपी में भी कई जगहों पर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है। इसके अलावा दिल्ली एम्स के आरडीए ने दिनभर हड़ताल पर रखने की घोषणा की है। इससे ओपीडी के अलावा आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित होंगी। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों के बाहर मरीज परेशान घूम रहे हैं।
मामला इतना बढ़ गया है कि अब ये कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंच गया है। हड़ताली डॉक्टरों के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर आज सुनवाई होगी।
यूपी में भी दिख रहा असर
वाराणसी के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं। वहीं, लखनऊ में भी भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की तरफ से विरोध मार्च निकाला जाएगा।
क्या है मामला?
घटना 10 जून शाम की है जब नील रत्न सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 75 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। बुजुर्ग की मौत से गुस्साए परिजनों ने डॉक्टरों पर अपना गुस्सा निकाला उन्होंने डॉक्टरों के साथ अभद्रता की। वहीं, डॉक्टरों ने कहा कि जब तक परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे। मामले ने तूल पकड़ लिया और कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्टल में हमला कर दिया। इस हमले में दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि कई घायल हो गए।