सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान प्रसूता के पेट में तौलिया छोड़े जाने के बाद हालत बिगड़ने पर आंत काट कर निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पति के जरिए मीडिया के माध्यम से मामला उठाए जाने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. प्रसूता के पति ने महिला जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ सुषमा कर्णवाल गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके बाद सीएमएस डॉ सुषमा कर्णवाल ने उल्टे ही सवाल खड़े कर दिए हैं और मानहानि का केस करने की चेतावनी तक दे डाली है.


कर दी गई थी नसबंदी
शहर के मोहल्ला कजियारा में रहने वाले मोहम्मद फैजान अख्तर अंसारी ने शहर कोतवाली में एक प्रार्थना पत्र देकर ये आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी शगुफ्ता अंजुम का 5 जून 2020 को प्रसव का ऑपरेशन जिला महिला अस्पताल कि सीएमएस डॉ सुषमा कर्णवाल ने किया था. एक बेटी का जन्म भी हुआ उसके बाद नसबंदी कर दी गई थी.


कराई गई जांच
फैजान ने बताया कि ऑपरेशन के बाद से उनकी पत्नी शगुफ्ता के ऑपरेशन की जगह पर भारी दर्द होने लगा और उल्टियां होने लगीं. लगातार समस्या बनी रहने के बावजूद 9 जून को जिला महिला अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. कुछ दिनों बाद ऑपरेशन की जगह को छूने पर उसके अंदर किसी कड़ी चीज का आभास होने लगा. तब उन्हें लखनऊ के निजी अस्पताल में दिखाया गया और उनकी कई जांच भी कराई गई, जिसमें पेट के अंदर कुछ होना बताया गया.


तौलिया पेट में ही रह गया
इसके बाद लखीमपुर के निजी अस्पताल में 25 सितंबर 2020 को दोबारा ऑपरेशन कराया गया तो वहां के डॉक्टरों ने बताया गया कि पहले महिला जिला अस्पताल कि जिन डॉक्टर ने ऑपरेशन किया था उनकी लापरवाही से तौलिया पेट में ही रह गया.


आरोपों का किया खंडन
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ सुषमा कर्णवाल ने बताया कि तौलिया की अगर फॉरेंसिक जांच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. साथ ही उन्होंने सभी आरोपों का खंडन भी किया.



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