रायबरेली, एबीपी गंगा। हमारे देश में शव को भी उसी तरह सम्मान दिया जाता है, जिस तरह हमारे देश की आन बान शान तिरंगे को दिया जाता है लेकिन रायबरेली जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने एक शव का अपमान ही नहीं किया बल्कि उसे दो दिन सड़ने के लिए मॉर्चरी में रखवा दिया और पुलिस को मेमो देकर बताया गया कि परिजन ही शव को लेकर भाग गए हैं। जबकि परिजन जिला अस्पताल के डॉक्टरों का चक्कर लगाते लगाते थक चुके थे। जब एबीपी गंगा के कैमरे की चमक डॉक्टरों तक पहुंची तो उनके होश उड़ गए और आनन-फानन में परिजनों को ढूंढ कर गुरुवार को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बात इतने पर ही खत्म नहीं होती जिला अस्पताल के मुखिया ने तो डाक्टरों के कारनामे पर पर्दा डालते हुए यहां तक कह डाला की महिला का पोस्टमार्टम बीते 26 तारीख बुधवार को ही हो चुका है, जबकि गुरुवार को उस महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसके हर पल की तस्वीरें एबीपी गंगा के पास हैं।
जगतपुर थाना क्षेत्र के चक जनौली गांव के रहने वाले पप्पू की पत्नी रुखसाना मंगलवार को ट्यूबवेल पर नहाने गई थी । वहीं से गुजर रहे बिजली के तार से पानी में करंट आ गया जिसकी चपेट में आने से रुखसाना की मौके पर ही मौत हो चुकी थी लेकिन पति पप्पू व अन्य परिजनों ने रुखसाना की जान बचाने के लिए आनन-फानन में जिला अस्पताल ले आए क्योंकि रुखसाना ही नहीं बल्कि उसके कोख में पल रहे तीन महीने के बच्चे को भी बचाना जो था लेकिन जिला अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया इतना ही नहीं शव को मोर्चरी में रखवाकर परिजनों पर ही आरोप मढ़ दिया और पुलिस को दिए गए मेमो में लिख दिया गया कि शव को परिजन ही उठाकर ले गए। जबकि शव को मर्चरी में रखवा दिया गया था। एक तरफ पुलिस परिजनों पर शव वापस लाने का दबाव बनाने लगी थी वही दूसरी तरफ परिजन जिला अस्पताल प्रशासन से शव वापस देने के लिए गिड़गिड़ा रहे थे लेकिन उनकी सुनने वाला वहां कोई नहीं था।
जानकारी के बाद जब एबीपी गंगा का कैमरा चमका तो डॉक्टरों के होश उड़ गए और जिला अस्पताल प्रशासन भी सकते में आ गया। दो दिन से पड़ी सड़ रही लाश के पोस्टमार्टम के लिए आनन-फानन में आदेश तक जारी कर दिया गया और तीसरे दिन मर्चरी से लाश को निकालकर पोस्टमार्टम तक भेजा गया जिसके हर पल की तस्वीर एबीपी गंगा के पास है। जब इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एनके श्रीवास्तव से मांगी गई तो हड़बड़ाहट में उन्होंने बीते 26 तारीख को ही पोस्टमार्टम होने की बात कह डाली। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के इस बयान से साफ होता है कि वह अपने डॉक्टरों के इस काले कारनामे को छिपाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं जबकि परिजन तीन दिन ठोकरे खाने के बाद अपने शव को देख तक पाए हैं, नहीं उनके गिड़गिड़ाने के बाद भी मर्चरी में रखे शव को देखने तक नही दिया गया था।
जिला अस्पताल के डॉक्टर के इस रवैये से परिजनों ने खून के आंसू तक बहाने पर मजबूर हो गए। मानवता को शर्मसार करने वाली इस हृदय विदारक घटना के बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होने लगा है। जिस तरह मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अपने डॉक्टरों के कारनामों को छिपाने के लिए झूठ पर झूठ बोलते जा रहे हैं, उससे आम जनता का डॉक्टरों पर से विश्वास भी टूटता जा रहा है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सख्ती के बावजूद जिला अस्पताल के डॉक्टर सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं जबकि नेहा शर्मा ने इसके पहले भी शिकायतों को लेकर डॉक्टरों को फटकार लगाई थी और सुधारने के लिए सख्त हिदायत दिया था बावजूद इसके डॉक्टरों के रवैया में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन के श्रीवास्तव ने कहा कि जगतपुर से एक महिला की डेड बॉडी का पंचनामा हो चुका है और डेड बॉडी भी मॉर्चरी से जा चुकी है। मेरी जानकारी में 26 तारीख को पंचनामा हो चुका है। जगतपुर पुलिस की कस्टडी में पोस्टमार्टम हुआ है।
मृतिका के परिजन राहुल ने बताया कि 25 तारीख को समरसेबिल पर नहाने गई थी जहां उसको करंट लग गया जब उसे अस्पताल ले कर आये तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया और बोले कल ( 26) को इनका पोस्टमॉर्टम होगा और हम लोग पूरा दिन इंतजार करते रहे हमें बॉडी नहीं दिखाई गई और बोले बॉडी चली गई जबकि ना तो लड़के वाले बॉडी ले गए और ना ही लड़की वाले और अब आज 27 तारीख को बॉडी दी है। परिजन ने आरोप लगाया है कि पैसे लेकर गलत खबर दी कि 26 को पोस्टमॉर्टम हो चुका है जब कि बॉडी आज 27 को दी गई और बोले 2 बजे पोस्टमॉर्टम होगा।
मेरी औरत करंट लगने से एक्सपायर हो गई जब यहां लेकर आए तो बॉडी रख ली गई और कहा कल पोस्टमार्टम होगा जब अगले दिन आए तो कहा बॉडी चली गई है। जब हम लोग कहे तो भी पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा, कल भी नहीं भेजा आज तीसरा दिन है, आज भी नहीं भेजा। बोले पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है तो हम लोगों ने कहा बॉडी ले जाने वाले हम लोग हैं तो कौन ले गया और आज अभी तक पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा गया और हम लोग इंतजार कर रहे हैं।