Lucknow Doctors Strike : लखनऊ में डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीजों पर पड़ रहा असर, प्रशासन से ये है मांग
UP News: कोलकाता में हुई घटना के विरोध में उत्तर प्रदेश के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं.हड़ताल से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों ने प्रशासन के सामने कुछ अपनी मांगे भी रखी है.
UP Resident doctors strike : कोलकाता (Kolkata News) में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर की घटना के विरोध में देशभर के रेजीडेंट डॉक्टरों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है. फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (Forda)के आह्वान पर आज उत्तर प्रदेश में भी सभी रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. उत्तर प्रदेश में आज 4000 के करीब रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. जिसमें 2000 के करीब डॉक्टर लखनऊ के हड़ताल पर हैं.
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू समेत लखनऊ के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आज इलाज प्रभावित है.आज की हड़ताल में रेजीडेंट डॉक्टर OPD समेत सभी रूटीन उपचार से दूर हैं.हालांकि गंभीर मरीज के लिए ट्रामा सेंटर और आपातकालीन सुविधा जारी है , इससे रेजिडेंट डॉक्टरों ने खुद को अलग नहीं किया है.
डॉक्टर के हड़ताल से मरीजों पर पड़ेगा असर
रेजिडेंट डॉक्टर के हड़ताल का असर लखनऊ समेत प्रदेश के लगभग सभी मेडिकल कॉलेज में मरीजों पर पड़ने वाला है. इन कॉलेज में ओपीडी में आने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. उत्तर प्रदेश के रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से 4000 रजिस्टर्ड डॉक्टरों सहित कुल दस हजार डॉक्टर और MBBS स्टूडेंट्स के स्ट्राइक में शामिल होने की बात कही जा रही है.जिसमें सिर्फ राजधानी में तीन बड़े चिकित्सा संस्थानों जिसमें केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया में 2000 के करीब रेजिडेंट डॉक्टर तैनात हैं.
रेजिडेंट डॉक्टरों की ये हैं मांगें
कोलकाता में हुए जघन्य कांड की जांच सीबीआई जैसी किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. डॉक्टरों को उनके कार्य क्षेत्र समेत सभी वर्कप्लेस पर समुचित सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाए. जिसकी निगरानी खुद NMC करे. गवर्नमेंट ऑफ़ सेंट्रल मेडिकल प्रोफेशनल प्रोटेक्शन एक्ट को पूरे देश में लागू किया जाए.
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