Doiwala-Ranipokhari Bridge: रुद्रप्रयाग पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश ने लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है. चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में जोरदार बारिश होने से अलनकंदा और मंदाकिनी नदियों का जल स्तर भी काफी बढ़ गया है. इसके साथ ही इन नदियों के ऊपर वर्षों पूर्व बने मोटरपुल जर्जर हालत में होने से लोगों को डोईवाला-रानीपोखरी मोटरपुल गिरने जैसी घटना सामने दिख रही है. ऐसे में लोगों के मन में डर का माहौल पैदा हो गया है.
बता दें कि ऊंचाई वाले इलाकों से लेकर निचले क्षेत्रों में बारिश का कहर जारी है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने लोगों का जनजीवन काफी प्रभावित कर दिया है. कुछ दिन पहले डोईवाला-रानीपोखरी पुल का हिस्सा ढहने के बाद से तो लोग भय के माहौल में जीवन जीने को मजबूर हो गये हैं. चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश हो रही है, जिससे मंदाकिनी व अलनकंदा नदियों का जल स्तर भी काफी बढ़ गया है.
हालांकि नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है, मगर इन नदियों के ऊपर वर्षो पूर्व बने मोटरपुलों की जर्जर हालत होने से लोगों के मन में डर पैदा हो रहा है. लोगों को डर है कि कुछ दिन पहले रानीपोखरी मोटरमार्ग में घटी घटना उनके सामने न दिखाई दे. जून 2021 में अलकनंदा नदी के उफान में आने के कारण गुलाबराय बाईपास के पास स्थित अस्थाई पुल बह गया था, जबकि बेलणी कस्बे और केदारनाथ क्षेत्र को जोड़ने वाला प्रमुख बेलणी पुल वर्षो से जर्जर हालत में है.
इसके अलावा मंदाकिनी नदी के ऊपर सुमाड़ी, विजयनगर, कुंड में बने मोटरपुर भी मरी हालत में हैं, जिनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है. जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से केदारघाटी को जोड़ने वाला मोटर पुलिया की हालत काफी नाजुक है. मोटरपुल पर भारी वाहनों के गुजरने से यह पुल झूले के समान झूल रहा है. केदारनाथ आपदा के समय भी इस पुल को काफी नुकसान पहुंचा था. पुल को लगभग पांच दशक का समय बीतने को है, लेकिन अभी तक पुल पर पुनर्निर्माण कार्य नहीं हो सका है.
हालांकि पुल निर्माण के लिए नेशनल हाइवे की ओर से सर्वे कर आंगणन केन्द्र सरकार को भेजा गया है, लेकिन अभी तक इसकी स्वीकृति नहीं आई है. नगर में लगभग 70 के दशक में बना रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड मोटरपुल अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है. वर्तमान में पुल की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है. प्रतिदिन इस पुल से सैड़कों वाहन आवाजाही करते हैं. कभी-कभार तो जाम लगने से पुल में बड़ी संख्या में वाहन एक साथ खडे़ नजर आते हैं. यात्रा सीजन में वाहनों का संचालन भी बड़ी संख्या में होता है.
यह पुल केदारघाटी के साथ ही गौरीकुंड हाइवे को भी जोड़ता है. वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा में इस मोटरपुल को काफी नुकसान हुआ था, अलकनंदा का पानी पुल के ऊपर से बहा. पुल के एक साइट का दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई थी, लेकिन अभी तक लोनिवि एनएच की ओर से मोटरपुल पर पुनर्निर्माण नहीं हो सका है. वहीं लोनिवि एनएच खण्ड के अधिशासी अभियंता जितेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि बेलणी में नये मोटरपुल का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है. इसके लिए कंसल्टेंट को डीपीआर बनाने के लिए हायर किया गया है. एक माह के भीतर डीपीआर तैयार हो जायेगी, जिसके बाद भारत सरकार को वित्तीय स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा. वर्तमान जर्जर पुल के 30 मीटर बगल पर ही नये मोटरपुल का निर्माण किया जाना है.
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