Lord Madmaheshwar: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरिया गांव पहुंच गई है. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के आगमन पर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया. बृहस्पतिवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गिरिया गांव से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी.


आज मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने राकेश्वरी मन्दिर रांसी में पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाएं विधिवत संपन्न की और भगवान मदमहेश्वर सहित साथ चल रहे अनेक देवी-देवताओं के निशाणों की आरती उतारी. उन्होंने बताया कि इसके बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रांसी से विदा हुई तो महिलाओं ने पौराणिक जागरों से डोली को विदा किया. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के उनियाणा और राऊलैंक आगमन पर ग्रामीणों ने अनेक प्रकार की पूजा सामग्रियों से अर्घ्य लगाकर कर मनौती मांगी.


भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के मधु गंगा के निकट जुगासू पहुंचने पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर डोली की अगुवाई की और लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के मनणा माई मंदिर मनसूना और गिरिया गांव पहुंचने पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने डोली का भव्य स्वागत किया तथा अक्षत्र, धूप, दीप, फल और फूलों से सामूहिक अर्घ्य लगाकर मनौती मांगी. मदमहेश्वर भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली आज यानी बृहस्पतिवार को ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी, जहां डोली शीतकाल के लिए विराजमान होगी और यहीं पर भगवान मदमहेश्वर की पूजा-अर्चना की जाएगी.


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