लखनऊ, संतोष कुमार शर्मा। कोरोना वायरस को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया तो देश थम गया। जो जहां था वहीं रुक गया। लोग मजबूरी में ही सही घरों में रुकने लगे। अपनों के बीच वक्त बिताने लगे। यह वक्त बिताने का नतीजा है कि रिश्तो में बेहतरी आने लगी है। तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भले ही वायरल हो रहे वीडियो या मीम्स पति को प्रताड़ित बताया जा रहा हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। असल तस्वीर यही है कि घरो में बंद पति सुखी हैं और पत्नियों के साथ होने वाली मारपीट भी कम हो रही है। यह तस्वीर खुद यूपी पुलिस को मिले इन आंकडों से साफ हुई है।


क्या कहते हैं आंकड़े?
यूपी पुलिस को 112 नंबर पर मार्च 2019 में घरेलू हिंसा की 24,489 शिकायतें मिली।
अप्रैल 2019 में 25,602 शिकायते मिली।
यानी रोजाना 821 शिकायतें घरों में महिलाओं के साथ मारपीट की आती थी।
20 मार्च से 11 अप्रैल 2020 तक 14,170 शिकायते आई


Lockdown के दौरान घरेलू हिंसा की औसतन 613 शिकायतें रोजाना आ रही हैं जो आम दिनों के औसत से 208 कम हैं। बीते 1 सप्ताह में मिलने वाली ऐसे शिकायतें 750 प्रतिदिन के औसत से आई है।


हिंसा की असल वजह शराब!
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि अमूमन शराब के चलते पति-पत्नी के बीच सबसे ज्यादा शिकायतें मिलती रहीं है। लॉकडाउन के चलते शराब की दुकानें बंद हैं। ऐसे में शराबबंदी पति-पत्नी के बीच झगड़े में आई कमी का एक बड़ा कारण हो सकते हैं।