गोरखपुर में डबल मर्डर से सनसनी, बुजुर्ग महिला और नाबालिग की गला रेतकर हत्या
गोरखुपर के राम-जानकी नगर में डबल मर्डर से सनसनी फैल गई है. यहां एक बुजुर्ग महिला और नाबालिग बच्चे की गला रेतकर हत्या कर दी गई.
गोरखपुर, एबीपी गंगा। गोरखपुर में डबल मर्डर की वारदात से सनसनी फैल गई है. घर के अंदर बुजुर्ग महिला और उसके नाबालिग नाती की लाश मिली है. महिला पति से अलग रहती रही है. तीन दिन पहले ही समझौते के महिला सात साल के अंतराल के बाद पति के घर पर बेटी और नाती को लेकर रहने आई थी. बताया जा रहा है कि उसका पति और बेटे से विवाद रहा है. घटना की सूचना मिलने के बाद आलाधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर जांच-पड़ताल की.
मामला गोरखपुर के शाहपुर थानक्षेत्र के राम-जानकी नगर का है. यहां एक मकान में हत्या की वारदात की सूचना के बाद पुलिस पहुंची. इसके फौरन बाद गोरखपुर के एसएसपी जोगिन्दर कुमार और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. घर के भीतर 60 वर्षीय महिला चंदा सिंह और उनके 14 साल के नाती नैतिक की लाश पड़ी मिली है. घटना की सूचना मिलने के बाद डॉग स्क्वायड और फोरेंसिंक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की और नमूने एकत्र किए. महिला और उसके नाती की गला रेतकर हत्या की गई है.
हत्या की वजह का खुलासा नहीं गोरखपुर के एसएसपी जोगिन्दर कुमार ने बताया कि गोरखपुर के शाहपुर इलाके के रामजानकी नगर में रिटायर्ड रेलकर्मी विरेन्द्र की पत्नी चंदा सिंह और उनके नाती नैतिक की गला रेतकर हत्या कर दी गई. अभी तक हत्या की वजह पता नहीं चल सकी है. पुलिस इसे सम्पत्ति विवाद से जोड़कर देख रही है. क्योंकि पति-पत्नी में बीते सात साल से अनबन चल रही थी. फिलहाल दोनों एक ही मकान में अलग-अलग रहते रहे हैं. दोनों का तेज चाकू से गला रेता गया है.
घर में चल रहा था विवाद रेलवे से रिटायर वीरेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी चंदा सिंह के बीच 7 साल से अनबन चलती रही है. वीरेन्द्र सिंह ने पत्नी को घर से निकाल दिया, तो वह पचपेड़वा में किराए के मकान में रहने लगी. अभी एक हफ्ता पहले दोनों में समझौता हुआ और विरेन्द्र ने पत्नी चंदा को मकान के तीन कमरे रहने को दे दिए. तब वह यहीं रहने लगी. एक हिस्से में वीरेन्द्र सिंह अपने बेटे विशाल और बहू के साथ रहते रहे हैं. जबकि पत्नी चंदा अपने नाती नैतिक के साथ रहती रही हैं. बेटी सोनी कभी-कभी आती, तो मां के साथ ही रहती रही है.
काफी वक्त पहले आया परिवार शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि मूलरूप से शाहजहांपुर जिले के रहने वाले विरेन्द्र सिंह के पिता भगवानदास रेलवे में नौकरी के सिलसिले में यहां आए. इसके बाद विरेन्द्र सिंह को भी यहीं रेलवे में नौकरी मिल गई. उन्होंने अपना मकान बनवा लिया. विरेन्द्र सिंह के तीन बेटे और एक बेटी रही हैं. दो बेटों का देहांत हो चुका है. उन दोनों की शादी नहीं हुई थी. बेटा विशाल नगर निगम में कूड़ा वाहन चलाता है. जबकि बेटी सोनी की शादी मेंहदावल संतकबीरनगर में हुई है. करीब 2400 वर्गफीट के मकान में ही वीरेन्द्र सिंह ने सामने कई दुकानें बनवा रखीं हैं.
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