कौशांबी, एबीपी गंगा। यूपी पुलिस किस कदर लापरवाह हो सकती है इसकी एक बानगी कौशांबी जिले में देखने को मिली। शहर की पुलिस ने एक ऐसा मामला दर्ज किया जिसे सुनकर हैरान रह जाएंगे। दर्ज मुकदमे के मुताबिक 11 साल बाद कब्र से निकाल कर मुर्दे ने बहु को प्रताड़ित कर उससे दहेज की मांग की। जिसके बाद पुलिस ने मुर्दे समेत उसके परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट व जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने जब तफ़्तीश शुरू की तो उसे अपने कारनामों पर खुद ही शर्मसार होना पड़ा।
मुर्दे के खिलाफ दर्ज मुकदमे की यह दास्तान कोखराज थाना क्षेत्र के छीतापुर गांव की है। जहां मृतक सिराजउद्दीन समेत उसके परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने दहेज उत्पीड़न व मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है। दरअसल मृतक सिराज उद्दीन के लड़के फिरोज की शादी 7 मई 2018 को हर्रायपुर गांव के रहने वाले शकील अहमद की बेटी सूफिया बेगम के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद फिरोज अपनी पत्नी को अपने साथ बंगलौर ले जाना चाहता था। पत्नी जाने को कत्तई राजी नही थी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहा सुनी हुई। जिसके बाद पत्नी अपने मायके चली गई।
सूफिया बेगम ने 15 दिन पहले सीजेएम कोर्ट में अपने तरफ से एक अर्जी दाखिल की और आरोप लगाया कि उसका पति फ़िरोज़, सास आयशा बेगम, जेठ बिक्कन उर्फ अफ़रोज़ व ससुर सिराज उद्दीन उससे 5 लाख रुपये दहेज की मांग की है। दहेज की मांग न पूरी होने पर उसके साथ मारपीट व प्रताड़ित कर उसे घर से निकाल दिया। जिस मामले में सीजेएम कोर्ट ने कोखराज थाना पुलिस से घटना के सम्बंध में जांच आख्या मांगी। पुलिस की लापरवाही तो देखिए बिना मामले की जांच किये ही घटना से संबंधित अपनी रिपोर्ट कोर्ट को भेज दिया। जिसके बाद अदालत ने घटनाक्रम से जुड़े चारों आरोपियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। 15 नवंबर को कोखराज थाना पुलिस ने चार आरोपियों में मृतक सिराज उद्दीन के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने जब तफ़्तीश शुरू की तो उसे अपने कारनामे पर स्वयं ही शर्मसार होना पड़ा।
पुलिस ने जिस आरोपी सिराज उद्दीन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया है, उसकी पत्नी आयशा बेगम बताती है कि उसके पति सिराज उद्दीन की मौत तो 11 साल पहले हो चुकी है। फिर भला वो कैसे दहेज के लिए बहु को प्रताड़ित कर सकते है। इतना ही नहीं मृतक की पत्नी आयशा ने अपने पति का मृत्यु प्रमाणपत्र भी दिखाया। जिसमे उसके पति की मौत की तिथि 12 दिसंबर 2008 को दिखाई गई है। लेकिन इस मुकदमे के बाद से उसका पूरा परिवार बेहद परेशान है। उनका आरोप है कि बहु सूफिया बेगम खुद ही ससुराल में नहीं रहना चाहती थी और मायके जाने के बाद उसने यह धमकी भी दी थी कि अगर उसे 6 लाख रुपये नहीं दिये तो वह पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में फसा देगी। फिलहाल घटना के बाबत एडिशनल एसपी अशोक कुमार का कहना है कि मुकदमा कोर्ट के आदेश पर लिखा गया है। विवेचना के दौरान मृतक का नाम मुकदमे से निकाल दिया जाएगा।