HC ने दिए डॉ. कफील खान की तत्काल रिहाई के आदेश, NSA को भी किया रद्द
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में विवादित बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान की मुंबई से गिरफ्तारी की गई थी.
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लखनऊ: सीएए, एनआरसी और एनपीए के विरोध के दौरान अलीगढ़ विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर 2019 को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार डॉक्टर कफील खान को तत्काल रिहा करने के आदेश हाई कोर्ट ने दिए हैं. कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेने और उसे बढ़ाए जाने को गैरकानूनी करार भी दिया है.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड में आरोपी डॉ. कफील को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. उनके ऊपर योगी सरकार की ओर से लगाया गया एनएसए ऐक्ट हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने डॉ. कफील को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है. डॉ. कफील के मामले में जल्दी ही फैसला देने का आदेश बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिया था.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में विवादित बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान की मुंबई से गिरफ्तारी की गई थी. वह फिलहाल मथुरा जेल में हैं. इस मुकदमे में 10 फरवरी के बाद डॉ. कफील की रिहाई की तैयारी चल रही थी. लेकिन उनके खिलाफ एनएसए के तहत मुकदमा लिखा गया था. हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि एनएसए के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है, कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए. बता दें कि डॉक्टर कफील पिछले 6 महीनों से जेल में बंद हैं. हाल ही में उनकी हिरासत को 3 महीने के लिए बढ़ाया गया था. डॉक्टर कफील ने जेल से पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख रिहा करने और कोविड-19 मरीजों की सेवा करने की मांग की थी, उन्होंने सरकार के लिए एक रोडमैड भी भेजा था.
कब क्या हुआ-:
- गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 अगस्त 2017 को ऑक्सीजन की कमी के चलते कई बच्चों की मौत हो गई. अखबारों और सोशल मीडिया में डॉ कफील को हीरो बताया गया क्योंकि उन्होंने बाहर से सिलेंडर मांगकर कई बच्चों की जान बचाई.
- 22 अगस्त को डॉ. कफील को लापरवाही बरतने और तमाम गड़बड़ियों के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया.
- 2 सितंबर 2017 को डॉक्टर कफील को जेल भेज दिया गया.
- 25 अप्रैल 2018 को 8 महीने बाद डॉ. कफील को जमानत मिल गई.
- मार्च 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि डॉ. कफील की जांच पूरी होने के बाद 90 दिन के अंदर उनको सौंपी जाए.
- यह जांच रिपोर्ट 18 अप्रैल 2019 को आ गई थी. लेकिन डॉ. कफील को 26 सितंबर को दी गई.
- अलीगढ़ विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर 2019 को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार.
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