प्रयागराज: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए डॉक्टर कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. हाईकोर्ट ने डॉ. कफील खान की तुरंत रिहाई का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने डॉ. कफील खान पर रासुका लगाने के डीएम अलीगढ़ के आदेश और उसके कन्फर्मेशन को भी रद्द कर दिया है. अदालत ने कहा कि रासुका के तहत गिरफ्तारी अवैध है. इसके बाद उनकी पत्नी शबिस्ता खान की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है.


डॉ. कफील खान की पत्नी शबिस्ता खान ने कहा कि उनकी जिंदगी से सात महीने छीन लिए गए, जिसे अब कोई वापस नहीं लौटा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आपके पास एनएसए की शक्ति है तो उसका गलत इस्तेमाल मत करिए. डॉ. कफील खान का जिक्र करते हुए शबिस्ता ने कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति, जिसने कुछ नहीं किया है, उसपर रासुका लगाकर उसे जेल में बंद कर दिया गया. अगर आपके पास पावर है तो उसका गलत उपयोग मत करिए.


बता दें कि केस की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह थे. उन्होंने खान के खिलाफ रासुका (एनएसए) के आरोपों को रद्द कर दिया.


भड़काऊ भाषण मामले में रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी


इससे पहले, 28 अगस्त को कफील खान मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) निरुद्घ करने के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. डॉ. खान पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी.


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