(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Padma Awards: 70 साल से होम्योपैथिक के क्षेत्र में सेवा दे रहे आरएस पारीक को पद्मश्री, लंदन से की थी पढ़ाई
UP News :भारतीय पद्धति को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाले डॉक्टर आर एस पारीक को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. 91 वर्षीय डॉ पारीक 70 साल से होम्योपैथी क्षेत्र में सेवा दे रहे है.
Dr.RS Pareek Padma Shri: दुनिया में भारतीय पद्धति को पहचान दिलाने वाले डॉक्टर आर एस पारीक को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. डॉ आर एस पारिख ने रॉयल कॉलेज ऑफ़ लंदन से होम्योपैथी में ग्रेजुएशन करने के बाद कैंसर सहित अन्य बीमारियों में होम्योपैथिक से इलाज पर शोध किया जिसके बाद भारतीय होम्योपैथिक पद्धति को देश और दुनिया में मशहूर किया, डॉक्टर आर एस पारीक को पद्मश्री श्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. घोषणा के बाद से डॉक्टर आर एस पारीक के परिवार में हर्ष का माहौल है, कि डॉक्टर आर एस पारीक को उनकी विशेष सेवा के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.
जब से घोषणा हुई है,डॉ पारीक को पद्मश्री देने की तब से देश-विदेश से बधाई व संदेश डॉक्टर आर एस पारीक के परिवार को मिल रहे हैं. परिजन मानते है कि यह होम्योपैथिक चिकित्सा जगत के लिए खुशी की बात है कि डॉक्टर आर एस पारीक को उनके विशेष योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. डॉ आर एस पारीक का जन्म राजस्थान के नवलगढ़ में एक सामान्य परिवार में हुआ था.
70 साल से होम्योपैथी क्षेत्र में सेवा
प्रख्यात डॉक्टर आर एस पारीक को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. डॉक्टर आर एस पारिख होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र में बड़ा नाम रखते हैं.और देश और विदेश में डॉक्टर आर एस पारीक की अलग पहचान है. डॉक्टर आर एस पारीक को होम्योपैथी क्षेत्र में सेवा देते हुए 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं. 91 वर्षीय डॉक्टर आर एस पारीक होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के लिए देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं और बड़े संघर्ष के साथ उन्होंने होम्योपैथी को एक पहचान दिलाई है , एक क्लीनिक से शुरुआत करने वाले डॉक्टर आर एस पारिख आज विश्व विख्यात हो चुके हैं.
लंदन से पढ़े है आर एस पारिख
सन 1956 में डॉक्टर आर एस पारिख लंदन गए थे.सन 1956 में पानी के जहाज से डॉक्टर आर एस पारीक लंदन के लिए निकले थे और लंदन पहुंचने में 18 दिन का वक्त लगा था उसे दौर में फोन भी उतने नहीं हुआ करते थे जिससे 18 दिन तक पानी के जहाज में सफर करते रहे और परिवार से कोई संपर्क नहीं हुआ और जब लंदन पहुंचे तो वहां बर्फ पड़ रही थी. जबकि कैसे माहौल में डॉक्टर आर एस पारीक पहले कभी रहे नहीं थे और उस तरह के कपड़े भी उनके साथ नहीं थे. संघर्ष के दौर को पार करते हुए डॉक्टर आर एस पारिख आज इस मुकाम पर पहुचे हैं. होम्योपैथिक चिकित्सा जगत उनके योगदान के लिए मिल रहे पद्म श्री सम्मान पर बधाई दे रहा हैं.
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