Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बयान के बाद इस मुद्दे को लेकर सियासत तेज हो गई है. विरोधी दल इसे लेकर बीजेपी (BJP) पर कई तरह से सवाल उठा रहे हैं तो वहीं अब संभल से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क (Dr. Shafiqur Rahman Barq) का भी बयान सामने आया है. सपा सांसद सने कहा कि मुसलमान यूसीसी को लेकर सरकार का फैसला नहीं मानेंगे. सरकार को इसके लिए मौलानाओं और मुफ्तियों से बात करनी चाहिए.
यूसीसी को लेकर सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि सरकार को कोई भी फैसला मुस्लिम नहीं मानेंगे वो सिर्फ उलेमाओं और मुफ्तियों का ही फैसला मानेंगे. सरकार को इसके लिए पहले उनसे बात करनी चाहिए. उसके बाद जो भी वो आगे का फैसला लेंगे उसी को माना जाएगा. सपा सांसद ने कहा, "ये मसला मजहब का है.. इस्लाम में मौलाना, मुफ्ती सब मौजूद हैं. वो जो भी फैसला करेंगे हम उसे मानेंगे. सरकार जो फैसला कर रही है, हम उसके खिलाफ हैं. हम यूसीसी के खिलाफ हैं क्योंकि मौलानाओं मुफ्तियों ने कानून और इस्लाम की रूह से यही फतवा दिया है कि एक कोड नहीं हो सकता है.
सपा सांसद ने बीजेपी पर लगाया आरोप
इससे पहले भी सपा सांसद ने यूसीसी को लेकर कहा था कि बीजेपी 2024 को लेकर घबराई हुई है, इसलिए वो लोगों के बीच हिन्दू-मुसलमान करके वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही हैं. इससे देश के हालात और खराब हो जाएंगे. यही नहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी यूसीसी को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं, उन्होंने कहा कि "बाबा साहब ने हमें संविधान दिया है यही हमारा यूनिफॉर्म सिविल कोड है. BJP के लोग नफरत फैलाकर, आपस में लड़ाकर समाज में खाई पैदा कर रहे हैं. इस बार BJP की कोई रणनीति नहीं चलने वाली.
मानसून सत्र में बिल ला सकती है सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार लोकसभा चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अपना एजेंडा सेट कर दिया है. माना जा रहा है कि आगामी मानसून सत्र में सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर संसद में बिल पेश करने की तैयारी कर रही है, जिसके बाद इस बिल को संसदीय समिति को भेजा जा सकता है. यूसीसी को लेकर सांसदों की राय जानने के लिए 3 जुलाई को संसदीय स्थायी समिति की बैठक बुलाई गई है. यानी साफ है कि आने वाले दिनों में सत्ता और विपक्ष के बीच और जुबानी जंग भी देखने को मिलेगी.