उत्तराखंड: नैनी झील से पानी निकासी की ब्रिटिशकालीन व्यवस्था बदली, ऑटोमेटिक गेट खोले गए
नैनीताल की विश्वप्रसिद्ध नैनी झील में हर वर्ष बरसातों के मौसम में जलस्तर पूरे 12 फीट पहुंच जाता है. अब झील से 3 इंच पानी निकासी होने के बाद 11 फीट और 9 इंच पर गेट अपने आप बंद हो जाएंगे.
नैनीताल उत्तराखंड की नैनी झील में लगाए गए ऑटोमेटिक स्काडा सिस्टम ने आज पहली बार काम करते हुए इतिहास बदल दिया और आज पहली बार स्वचालित तरीके से निकासी गेट खुले. झील के जलस्तर में 12 फीट पानी पहुंचने पर ब्रिटिशकालीन व्यवस्था में हाथ से गेट खोले जाते थे लेकिन आज इस सिस्टम ने ऑटोमेटिक तरीके से गेट खोल दिए.
नैनीताल की विश्वप्रसिद्ध नैनी झील में हर वर्ष बरसातों के मौसम में जलस्तर पूरे 12 फीट पहुंच जाता है. झील पर तल्लीताल क्षेत्र में पानी का अत्यधिक बोझ होने के बाद झील से ब्रिटिशकालीन पद्वति से मैन्यूली गेट को 11 फीट पर खोला जाता था और पानी को निकाला जाता था. इससे झील में पानी भी नियंत्रित होता था और तल्लीताल डांठ क्षेत्र में पानी का दबाव भी नहीं होता था. नीरज तिवारी, जे.ई. सिचाई ने बताया अब जिला प्रशासन और झील की देखरेख में लगी सिंचाई विभाग ने ऑटोमेटिक स्काडा सिस्टम लगाया है जो पानी का स्तर 12 फीट पहुंचने पर खुद-ब-खुद खुल जाएगा.
3 महीने का लगा समय
झील से 3 इंच पानी निकासी होने के बाद 11 फीट और 9 इंच पर गेट अपने आप बंद हो जाएंगे. विभाग ने इसमें मानव चलित (मैन्युल) व्यवस्था भी रखी है. कुल 76 लाख रुपयों की लागत से बनाए गए इस प्रोजेक्ट में 3 महीने का समय लगा था. वर्तमान व्यवस्था के अनुसार झील में पानी फुल होने के बाद तीन इंच पानी निकाला जाएगा, जिसके बाद गेट बंद कर दिए जाएंगे.
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