Dehradun: विकासनगर में यूलिप परियोजना के तहत पेयजल और सीवर योजना का आगाज़, योजना में 406 करोड़ खर्च करेगी सरकार
Vikasnagar: विकासनगर में यूलिप के अंतर्गत पेयजल और सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है. इसमें 406 करोड़ का खर्च आएगा और इसे 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा.
Uttarakhand News: उत्तराखंड के विकासनगर (देहरादून) शहर में एसडीबी पोषित उत्तराखंड लिवेबिलिटी इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट (ULIP) के अंतर्गत पेयजल और सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है. इस परियोजना के तहत शहर के 11 वार्डों में कुल 120 किलोमीटर पेयजल और 60 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जाएगी, जिसमें 406 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसके साथ ही शांतिधाम के निकट सात एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) क्षमता का एक सीवर शोधन संयंत्र भी बनाया जाएगा. योजना का भूमि पूजन स्थानीय विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने वार्ड नंबर सात में किया, जिसका उद्देश्य 2027 तक सभी कार्यों को पूरा करना है.
सोमवार को विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हेरिटेज वेडिंग प्वाइंट पर आयोजित बैठक में योजना के कार्यों की समीक्षा की. इस बैठक में विभागीय अधिकारियों को परियोजना के साथ आम जनता की आपत्तियों और आवश्यकताओं के समाधान के निर्देश दिए गए. बैठक में विधायक ने कहा कि वह जनता के लाभ के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर काम करते हैं. इस योजना की अनुरक्षण अवधि 18 वर्ष होगी, जो इसे राज्य में अपनी तरह की पहली योजना बनाती है. विधायक ने आगे कहा कि यह योजना बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों के लिए मॉडल साबित हो सकती है.
परियोजना को सात जोनों में किया गया विभाजित
परियोजना को सात जोनों में विभाजित किया गया है, जिसमें 120 किलोमीटर की पेयजल लाइन बिछाई जाएगी. इसके अंतर्गत छह नए ट्यूबवेल और पांच ओवरहेड टैंक बनाए जाएंगे, जिससे आठ हजार उपभोक्ताओं को सीधे लाभ पहुंचेगा. स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन) तकनीक के जरिए 24 घंटे पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. इस तकनीक से कंट्रोल रूम से जल आपूर्ति पर नजर रखी जाएगी, जिससे पानी की नियमित उपलब्धता में सुधार होगा.
योजना के तहत दो व्यावसायिक भवनों का भी निर्माण किया जाएगा, जो विभागीय कार्यालयों के अलावा व्यावसायिक उपयोग में भी लाए जाएंगे. इन भवनों में 11 हजार लीटर की क्षमता वाले ओवरहेड टैंक भी बनाए जाएंगे. साथ ही, भवनों में पार्किंग की सुविधा भी होगी ताकि आसपास के क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा जा सके. सीवर लाइन बिछाने के लिए 60 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाली जाएगी, जिसमें से दो किलोमीटर का निर्माण बिना खोदाई के किया जाएगा. यह सुविधा मुख्य बाजार, सिनेमा गली और 28 फिटा रोड जैसे इलाकों में दी जाएगी, जहां खोदाई के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है.
यूलिप परियोजना को अगले 30 वर्षों की आबादी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. वर्तमान में विकासनगर शहर की जनसंख्या लगभग 44 हजार है, जो अगले तीन दशकों में 84 हजार तक पहुंचने का अनुमान है. इस योजना के तहत शहर की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास किया गया है.
'केसरबाग और भगत सिंह कॉलोनी को जोड़ना संभव नहीं'
इस अवसर पर विधायक ने यह भी बताया कि शहर के केसरबाग और भगत सिंह कॉलोनी भौगोलिक दृष्टि से निचले क्षेत्र में स्थित हैं, जिन्हें इस योजना से जोड़ना फिलहाल संभव नहीं है. इन क्षेत्रों में सेप्टिक टैंक की व्यवस्था रहेगी. शांतिधाम में स्थित एसटीपी के पास 10 केएलडी का शोधन संयंत्र बनाया जाएगा ताकि इन क्षेत्रों की सीवेज संबंधी आवश्यकताओं का समाधान हो सके. इसके अलावा, हरबर्टपुर क्षेत्र को भी इस परियोजना से जोड़ने की योजना है, जिसके लिए दो अलग मदों से योजना तैयार की जाएगी.
यूलिप परियोजना की शुरुआत के मौके पर यूयूएसडीए के सह कार्यक्रम निदेशक संजय तिवारी ने बताया कि योजना के समन्वय के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिससे जनता की अपेक्षाओं और उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजना में समायोजन किया जा सके. इस महत्त्वाकांक्षी योजना के तहत शहर के नागरिकों को एक संगठित जल और सीवेज प्रणाली उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिससे शहर की स्वच्छता और जीवनस्तर में सुधार होगा.
कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में परियोजना अधिकारी अमित सैनी, यूयूएसडीए से एसके वर्मा, पीएमडीएससी से डॉ. युद्धवीर सिंह, ब्लॉक प्रमुख जसविंदर सिंह बिट्टू, पूर्व पालिकाध्यक्ष नीरज अग्रवाल, अधिशासी अधिकारी बीपी भट्ट, योजना के सामाजिक विशेषज्ञ सुरेंद्र खंडूरी, टीसीआई के अधिकारी जितेंद्र त्यागी, और टीम लीडर राजीव कुमार सहित कई गणमान्य अधिकारी और लोग उपस्थित थे.
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