लखनऊ. कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद से ही बंद चल रहे दुधवा नेशनल पार्क को आज से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. इसके साथ ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व को भी दर्शकों के लिए खोला गया है. आज प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लखीमपुर के दुधवा नेशनल पार्क और पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में साल 2020-21 के पर्यटन सत्र की शुरूआत की.


मार्च से बंद चल रहे थे पार्क


प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में स्थित दुधवा नेशनल पार्क को रविवार से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. वैसे तो हर साल 15 नवम्बर से इस पार्क को खोला जाता है लेकिन इस बार कोरोना के चलते ये मार्च से ही बन्द चल रहा था, इसलिए इसे एक नवंबर से ही खोल दिया गया है. साथ ही पीलीभीत टाइगर रिज़र्व को भी ओपन कर दिया गया है. कोरोना के चलते ये पार्क मार्च से ही बन्द चल रहे थे और नेचर लवर्स को खासी मायूसी उठानी पड़ रही थी लेकिन अब इसे फिर से दर्शकों के लिए खोल दिया गया है.


वन मंत्री ने हरी झंडी दिखाई


प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये हरी झंडी दिखा कर यहां पर्यटक वाहनों को रवाना किया. हर साल यह पार्क जून के आखिरी हफ्ते में बंद हो जाते हैं और 15 नवंबर से खोले जाते हैं. लेकिन इस बार कोरोना के चलते यह मार्च से ही बंद थे और इसीलिए इन्हें 15 दिन पहले खोला गया है.


प्रवेश के नियमों में होगा बदलाव


हालांकि टाइगर रिज़र्व में इस बार प्रवेश के नियम बदले हुए हैं. यहां कोविड-19 की गाइडलाइन और एसओपी के तहत ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही वरिष्ठ नागरिकों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को फिलहाल नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में एंट्री नहीं मिलेगी. इसके अलावा सरकार हर दिन पर्यटकों की संख्या भी सीमित करने पर विचार कर रही है. वन मंत्री ने इस मौके पर कहा कि सरकार की कोशिश है कि दुधवा नेशनल पार्क और पीलीभीत टाइगर रिजर्व को पूरे देश में प्रमोट किया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आ सके और खासतौर से कोरोना काल में जब व्यक्ति प्रकृति की करीब जाना चाहता है तब उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक इस बार यहां पहुंचेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जल्दी अधिकारियों के साथ एक बैठक करके ये भी निर्णय लिया जाएगा कि यहां फिल्म की शूटिंग करने वाले निर्माताओं को कुछ विशेष सुविधाएं और छूट दी जाएं.


वहीं, प्रदेश के शहरों में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर उनका कहना था कि पराली जलाना एक बड़ी समस्या है. और एनसीआर के इलाकों में लगातार हो रहे निर्माण से भी पर्यावरण दूषित हुआ है, इनके खिलाफ कार्रवाई अभी की गई है और पर्यावरण को स्वच्छ रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि फॉरेस्ट कवर को बढ़ाया जाए.


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