UP: कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित हुई हज यात्रा, महज इतने हजार लोगों ने ही किया आवेदन
कोविड का हज यात्रा पर बड़ा प्रभाव पड़ा है और यूपी में हज के लिए बोर्डिग प्वाइंट की संख्या पहले ही कम कर दी गई है. इस साल केवल 3,200 आवेदन आए हैं.
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लखनऊ: कोविड-19 महामारी ने हज यात्रा को स्पष्ट रूप से प्रभावित किया है. पिछले साल हज यात्रा करने के लिए उत्तर प्रदेश से जहां 29 हजार लोगों ने आवेदन किया था, वहीं इस साल केवल 3,200 आवेदन आए हैं. 2021 की हज यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन 7 नवंबर से शुरू हुए थे जिसके लिए अंतिम तिथि 10 दिसंबर है. अधिकारियों ने कहा है कि इस साल हज आवेदनों की कम संख्या के लिए महामारी एक प्रमुख कारण है.
महिलाओं के लिए 500 सीटें आरक्षित इस साल एक भी महिला ने 'बिना मेहरम' (केवल महिला समूह) की श्रेणी के तहत आवेदन नहीं किया है. जबकि इस श्रेणी के तहत 3 महिलाएं एक समूह के तौर आवेदन कर सकती हैं. हज कमेटी ऑफ इंडिया ने ऐसी महिलाओं के लिए 500 सीटें आरक्षित की हैं.
राज्यों का कोटा भी तय नहीं सऊदी अरब में कितने तीर्थयात्रियों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी यह अब तक फाइनल नहीं हुआ है. लिहाजा, राज्यों का कोटा भी अभी तक तय नहीं किया गया है. ऐसे में अगले साल उत्तर प्रदेश से मक्का और मदीना की कितने तीर्थयात्री यात्रा करेंगे, इस बारे में कोई नहीं जानता है.
कोविड का हज यात्रा पर प्रभाव पड़ा राज्य हज समिति के सचिव राहुल गुप्ता ने कहा, "हज के लिए हम अधिक से अधिक संख्या में तीर्थयात्रियों को भेजना चाहते हैं लेकिन कुछ चीजें हमारे हाथ में नहीं हैं. हम उत्तर प्रदेश के कोटे पर टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि संख्या को लेकर हम अभी भी निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं." उन्होंने स्वीकार किया कि कोविड का हज यात्रा पर बड़ा प्रभाव पड़ा है और यूपी में हज के लिए बोर्डिग प्वाइंट की संख्या पहले ही कम कर दी गई है. इस साल वाराणसी से कोई हज के लिए कोई फ्लाइट नहीं रहेगी. पूरे देश में हज यात्रा के लिए बोर्डिग प्वाइंट की संख्या 21 से घटाकर 10 कर दी गई है. वैसे इस कमी के पीछे वजह हज यात्रियों के कोटे में कमी की ओर इशारा करता है.
बढ़ जाएगा हज का खर्च उत्तर प्रदेश के तीर्थयात्री लखनऊ या दिल्ली से हज की उड़ान ले सकते हैं. हज अधिकारियों ने कहा कि कोविड के दिशानिर्देशों के कारण केवल 15 तीर्थयात्रियों को 45 सीटर बस में बैठने की अनुमति दी जाएगी और होटल के एक कमरे में तीर्थयात्रियों की संख्या पहले के 6 की बजाय अब केवल 2 रहेगी. लिहाजा, इस साल हज का खर्च भी बढ़ जाएगा.
5.25 लाख रुपये तक आ सकता है खर्च सऊदी अरब सरकार ने 300 रियाल का वीजा शुल्क लगाया है जो भारतीय मुद्रा में 2,600 रुपये है. अनुमान के मुताबिक, एक तीर्थयात्री के लिए इस बार हज पर 3.79 लाख से 5.25 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है.
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