(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
गोरखपुर: उफनाई रोहिन नदी डेंजर लाइन के पार, राप्ती-कुआनो भी चढ़ान पर, बंधों पर रेनकट से बढ़ा खतरा
गोरखपुर में रोहिन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. रोहिन खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. 24 से 48 घंटे तक मूसलाधार बारिश के अलर्ट की वजह से नदियों का जलस्तर और तेजी से बढ़ सकता है.
गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के बाद लगातार हो रही बारिश मुसीबत बनकर सामने आई है. बारिश से जहां नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, तो वहीं बंधों पर रेनकट ने भी संकट खड़ा कर दिया है. कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जो नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं, वो भी लगातार चढ़ान पर होने से डेंजर लाइन को पार करने के लिए आतुर दिख रही हैं. उफनाई नदियों ने गांव के लोगों को भी डरा दिया है. गोरखपुर के साथ आसपास के जिलों में भी नदियो का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.
उफान पर हैं नदियां
गोरखपुर में रोहिन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. रोहिन खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. रोहिन की डेंजर लाइन त्रिमुहानी घाट पर 82.44 है. लेकिन, वो अभी खतरे के निशान से .89 मीटर ऊपर बहते हुए 83.330 पर बह रही है. रोहिन ने कैम्पियरगंज तहसील के चन्दीपुर गांव और बुढेली गांव के कोमर टोला में आवागमन बाधित कर दिया है. खेतों में जहां पानी घुस गया है तो वहीं दो नाव भी लगानी पड़ी हैं. पिछले साल की तरह इस साल भी रोहिन नदी तबाही मचाने को आतुर दिख रही है. नेपाल के पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश की वजह से भी पहाड़ी नदियां उफान पर हैं.
यही वजह है कि मैदानी इलाके में रोहिन नदी पूरी तरह से उफान पर आ गई है. राप्ती बर्डघाट पर अभी खतरे के निशान 74.98 से 1.02 मीटर नीचे बह रही है. लेकिन, लगातार चढ़ान पर है. यही हाल कुआनो का भी है. कुआनो भी मुखलिसपुर में खतरे के निशान 82.44 मीटर से तीन मीटर से भी नीचे 83.330 मीटर पर है. लेकिन, वो भी लगातार चढ़ान पर है. घाघरा भी अयोध्या पुल और तुर्तीपार में लगातार बढ़ रही है.
मूसलाधार बारिश का अलर्ट
गोरखपुर के डोमिनगढ़ से उत्तरी कोलिया गांव जाने वाले मार्ग पर राप्ती और रोहिन का संगम स्थल है. सड़क के उत्तर में रोहिन तो वहीं दक्षिण की तरफ राप्ती नदी उफान पर दिखाई दे रही है. चार से पांच दिनों में हुई बारिश से दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. गोरखपुर के डोमिनगढ़ बंधा कहे जाने वाले इस मार्ग पर लगातार हो रही बारिश की वजह से कई जगह पर बंधे के बोल्डर के पहले और बाद में सड़क के दोनों ओर रेनकट हो गया है. रेनकट की वजह से सड़क के किनारे ही बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. ऐसे में सड़क के कटने और दुर्घटना होने का भी खतरा बढ़ गया है. पूर्वानुमान की मानें तो 24 से 48 घंटे तक मूसलाधार बारिश के अलर्ट की वजह से नदियों का जलस्तर और तेजी से बढ़ सकता है.
बारिश की वजह से हुआ रेनकट
गोरखपुर के उत्तरी कोलिया के रहने वाले मकसूदन ने बताया कि बारिश की वजह से सड़क के किनारे रेनकट हो गया है. 20 से 30 गड्ढे रेनकट की वजह से बन गए हैं. कोई ध्यान देने वाला नहीं है. पानी नदी में तेजी से बढ़ रहा है. गांव में खतरा है. पिछले साल भी बाढ़ की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा था. यहीं के मनोज बताते हैं कि बारिश की वजह से रेनकट हुआ है. बाढ़ भी आने वाली है. हर साल बाढ़ से तबाही होती है. पानी तेजी से बढ़ रहा है. गांव के राजेश निषाद बताते हैं कि समय से मरम्मत नहीं होने की वजह से दिक्कत हुई है. नई मिट्टी होने की वजह से बारिश में रेनकट हो गया है. 10 दिन के अंदर ये गड्ढे हुए हैं.
गांव तक नहीं पहुंचा बाढ़ का पानी
जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि रोहिन नदी खतरे के निशान को पार कर ऊपर बह रही है. राप्ती भी चढ़ान पर है. इसके साथ ही कुआनो का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि अभी तक किसी भी गांव में बाढ़ का पानी नहीं पहुंचा है. उन्होंने बताया कि लगातार हो रही बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर अचानक से बढ़ना शुरू हो गया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को राहत और बचाव कार्य के लिए अलर्ट पर कर दिया गया है. बंधे के पास सड़क पर रेनकट हैं. बारिश की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है.
राप्ती और घाघरा भी वार्निंग लेवल पर हैं
जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. जल्दी ही वहां पर मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि यहां पर कंट्रोल रूम भी एक्टिवेट कर दिया गया है. बाढ़ संबंधित दिक्कत के लिए 0551-2201796 और 9454416252 पर किसी भी तरह की सूचना दी जा सकती है. गोरखपुर में सरयू, राप्ती, कुआनो, आमी, गोर्रा और रोहिन कुल छह नदियां हैं. राप्ती और घाघरा भी वार्निंग लेवल पर हैं. लेकिन, अन्य नदियां सामान्य लेवल पर हैं. पानी आगे निकल जाएगा ऐसी उम्मीद है. गोरखपुर में 13 नदियों का पानी आता है, जो आगे निकलकर गंगा में समा जाता है.
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