हरिद्वार. कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के चलते हरिद्वार में महाकुंभ से प्रमुख अखाड़ों के संतों ने वापस जाना शुरू कर दिया है, जिसके बाद भीड़ में अचानक भारी कमी आई है. सोमवार को कई स्थानों पर भीड़ नहीं दिखी. आधिकारिक रूप से 30 अप्रैल को समाप्त होने वाले हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान यह अकल्पनीय नजारा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साधुओं से कुंभ के शेष हिस्से को सांकेतिक रखने की अपील की थी. स्नान घाटों पर अब भीड़ दिखाई नहीं दे रही है, जहां 14 अप्रैल को भौतिक दूरी जैसे कोविड-19 नियमों की अनदेखी कर साधु और आम लोग शाही स्नान के दौरान गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े थे.


श्रद्धालुओं के संपर्क में आए फोर्स के लोग


बता दें कि, कुंभ ड्यूटी के लिए राजस्थान से तकरीबन 2000 होमगार्डों को बुलाया गया था, जिन्होंने 6 से लेकर 14 तारीख तक कुंभ में ड्यूटी की थी. 12 और 14 अप्रैल के शाही स्नान में सफलतापूर्वक ड्यूटी करने के बाद इन सभी होमगार्डों को आज राजस्थान भेज दिया गया है. ऐसे में यदि कोई भी होमगार्ड पॉजिटिव पाया जाता है तो कोरोना संक्रमण राजस्थान में भी बढ़ सकता है. क्योंकि, 12 और 14 अप्रैल की ड्यूटी में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आए थे और ड्यूटी में तैनात फोर्स के लोग श्रद्धालुओं के संपर्क में सबसे ज्यादा रहे. 


राजस्थान जाकर कराएंगे जांच 


पूरे मामले को लेकर अधिकारी संजय गुंज्याल का कहना है कि राजस्थान के सभी पुलिसकर्मी और होमगार्डों से जांच कराने की बात कही गई थी. लेकिन, उनकी तरफ से ये प्रस्ताव आया कि वो राजस्थान जाकर ही जांच कराएंगे. इसलिए उन्हें बिना जांच के भेजा गया है. वहीं, राजस्थान से आए मेला ड्यूटी में तैनात होमगार्ड का कहना है कि वो राजस्थान जाकर जांच कराएंगे तभी अपने घर जाएंगे. मेला प्रशासन की तरफ से उनकी जांच नहीं कराई गई है. 


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