आगरा, एबीपी गंगा। आगरा में कोरोना वायरस के चलते आम जन जीवन प्रभावित हो रखा है। सभी बेबसी का जीवन गुजारने को मजबूर हैं। हर व्यक्ति आजादी से जीवन जीना चाहता है, जिसमे पूरी आजादी हो, लेकिन आज उसी आजादी से जीने के लिए देश बेबसी का जीवन गुजार रहा है। कोरोना के कारण सिर्फ जीवित ही नहीं, बल्कि उन लोगों को भी प्रभावित कर रखा है, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। जिन्हें मोक्ष का इंतजार है। दरअसल, पूण्य आत्माओं को भी कोरोना के कारण मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो रही है।
आगरा के सबसे बड़े मोक्ष धाम की बात करें, यहां हर तरफ वीराना छाया हुआ है। चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ और जलती चिताए दिखाई दे रही हैं। लॉकडाउन के कारण अस्थि कलश मोक्ष का इंतजार कर रहे हैं। इस सवाल के साथ कि लॉकडाउन कब खुलेगा और कब इनके घर वाले इनकी अस्थियों को पवित्र गंगा नदी में प्रवाहित करेंगे।
फिलहाल लॉकडाउन का असर आगरा के श्मशान घाटों पर भी नजर आ रहा है। कभी अंतिम यात्रा में जुटने वाली भीड़ अब 4-5 लोगों तक सीमित रह गई है। ये भीड़ समझदारी का भी परिचय दे रही है। फिलहाल श्मशान घाट पर सैकड़ों अस्थियां अपने मोक्ष का इंतजार कर रही हैं कि कब कोरोना पर महाकाल की नजर पड़ेगी। कब उसका खात्मा होगा। कब लॉकडाउन की बन्दिशों से आम इंसान मुक्त होगा और कब वो अपनों को मोक्ष के द्वारा तक छोड़ने जाएंगे।
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