UP TET Certificate Validity: शिक्षक पात्रता परीक्षा जिसे टेट भी कहा जाता है टीचर एलिजिबिटी टेस्ट होता है, जो हर साल सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए करवाया जाता है, उत्तर प्रदेश में टेट की वैलिडिटी पांच साल से बढ़ाकर लाइफटाइम कर दी गयी है. लेकिन क्या आपको पता है कि यह फैसला कब लिया गया है. आइये आपको बताते हैं.
पांच साल से बढाकर लाइफटाइम की गयी वैलिडिटी
यूपी में टेट यानि शिक्षक पात्रता परीक्षा को लाइफटाइम वैलिड करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गयी हैं. इस फैसले से अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा में बैठने से मुक्ति मिली है और साथ में आवेदन शुल्क भी नहीं भरना होगा. इससे पहले यूपी में टेट के प्रमाणपत्र की वैधता यूपी पांच साल के लिए ही मान्य थी जिसकी अवधि बढ़ाकर लाइफटाइम कर दी गयी है. हर पांच साल के बाद उम्मीदवारों को दोबारा यूपी टीईटी परीक्षा पास करनी होती थी.
पिछले साल ही लिया गया फैसला
यूपी में टेट के प्रमाणपत्र की अवधि को लेकर यह फैसला पिछले साल जून को लिया गया था. यूपी में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद पहली बार 13 नवंबर 2011 को यूपी बोर्ड ने टेट कराया था. उसके बाद 2013 से परीक्षा नियामक प्राधिकारी परीक्षाएं कराता आ रहा है.
क्या है टेट?
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टेट का पूरा नाम टीचर एलिजिबिटी टेस्ट होता है. ये एक भारतीय एंट्रेंस टेस्ट है जो की सरकारी अध्यापकों के लिए रखा गया है. सरकारी टीचर्स के लिए इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य है. ये टेस्ट उन लोगों के लिए है जो लोग कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं. इनमे दो तरह के एग्जाम होते हैं जिसमे एक पेपर क्लास 1 से लेकर क्लास 5 तक के लिए होता है और दूसरा पेपर क्लास 6 से लेकर क्लास 8 तक के लिए होता है और यह राज्य सरकार द्वारा कराया जाता है.