देहरादून, एबीपी गंगा। इस साल की चारधाम यात्रा काल में पहली बार यमुनोत्री धाम के कपाट करीब 12 घंटे तक बंद रहेंगे। इस दौरान कोई भी श्रद्धालु यमुनोत्री धाम में दर्शन नहीं कर पाएगा। कपाट बंद रहने के पीछे का कारण आज पड़ने वाला चंद्रग्रहण हैं। चंद्रग्रहण के चलते सूतक काल रात 1 बजकर 31 मिनट से कल सुबह 4 बजकर 31 मिनट तक प्रभावी रहेगा। सूतक के चलते करीब 6 घंटे पूर्व ही धामिक कार्य बंद कर दिए जाते हैं। लिहाजा, यमुनोत्री धाम के कपाट भी आज शाम 4 बजकर 37 मिनट पर आरती के उपरान्त बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद कपाट 17 जुलाई सुबह 5 बजे खोले जाएंगे। यह मान्यता रहती है कि सूतक के दौरान कोई भी धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
यमुनोत्री धाम की तरह ही बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री के कपाट भी शाम चार बजे के बाद बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद दोबारा कपाट 17 जुलाई की सुबह खुलेंगे।
बदरीनाथ केदारनाथ धाम मंदिर समिति के अनुसार, 16 जुलाई यानी आज 4:25 मिनट पर मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इसके लिए दोपहर 3:15 बजेमंगल आरती होगी और 3:45 बजे भोग व शयन आरती होगी। जिसके बाद कपाट बंद कर दिए जाएंगे। वहीं, सूतक लगते ही भगवान के दर्शन नहीं हो पाएंगे। चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद 17 जुलाई को सुबह 4:40 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। 6 बजे अभिषेक पूजा होगी, उसके बाद बाकी यथावत चलेगी।
शास्त्रों के अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले माना जाता है, जबकि सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लगता है। ऐसे में आज पड़ने वाले चंद्रग्रहण का सूतक 4 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा, जो 17 जुलाई सुबह 4:40 मिनट पर खत्म होगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सूतक काल को अशुभ मूहुर्त माना जाता है। इसी के चलते सूतक खत्म होने के बाद सभी धर्म स्थलों को पवित्र किया जाता है। सूतक काल में पूजा पाठ करना भी अशुभ माना जाता है।