नई दिल्ली, एबीपी गंगा। कोरोना वायरस ने भले ही देश और दुनिया की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया हो, लेकिन कुछ ऐसे काम जरूर हैं, जिसपर कोरोना का संकट का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। दरअसल, कोरोना के चलते देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) होने के बावजूद एक अप्रैल से कुछ बैंकों के नाम बदलने जा रहे हैं। कोरोना संकट के बीच सरकार का कहना है कि बैंकों के विलय की योजना पटरी पर है और एक अप्रैल से इसे अमल में ही लाया जा रहा है। इस वैश्विक महामारी (Coronavirus Pandemic) को लेकर मचे हाहाकार के बीच एक अप्रैल से बैंकों को विलय होने जा रहा है। दरअसल, इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार बैंकों में सार्वजनिक क्षेत्रों की 10 बैंकों के विलय (Banks Merger) होने के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसे अगले वित्त वर्ष में प्रभाव में आना है।


एक अप्रैल को होगा बैंकों का विलय


इसी के चलते एक अप्रैल को इन बैंकों का विलय होने जा रहा है। दरअसल, कोरोना की वजह से पैन-आधार लिंकिंग से लेकर इनकम टैक्स रिटर्न और यहां तक की ईएमआई अदा करने की तारीख को भी आगे बढ़ा दिया गया है। इसी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जब पूछा गया कि क्या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की समयसीमा भी सरकार आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'फिलहाल ऐसा कोई भी विचार नहीं हो रहा है।'


इस बीच बैंक मामलों के सचिव देबाशीष पांडा ने भी बताया कि बैंक विलय की प्रक्रिया पटरी पर है और उम्मीद जताई जा रही है कि ये कोरोना की चुनौती पार कर लेगा। बता दें कि कोराना वायरस (Coronavirus) मामले को देखते हुए ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी) ने पीएम नरेंद्र मोदी से बैंकों के विलय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था।



किन बैंकों का होने जा रहा है विलय




  • ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) का विलय पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से होगा।

  • सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) का केनरा बैंक (Canara Bank) में विलय होगा।

  • आंध्रा बैंक (Andhra Bank) और कॉरपोरेशन बैंक (Corporation Bank) का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) में विलय होगा

  • इलाहबाद बैंक (Allahabad Bank) का इंडियन बैंक (Indian Bank) में विलय होना है।


बैंकों के विलय के बाद क्या होगा




  • इस विलय प्रक्रिया के पूरे होने के बाद देश में सात बड़े आकार के बैंक हो जाएंगे।

  • इन कुल कारोबार आठ लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का होगा।

  • बैंक विलय के बाद देश में सात बड़े बैंक होंगे और पांच छोटे बैंक।

  • बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्रों में बैंकों की संख्या साल 2017 में 27 थी।

  • अब 10 सार्वजनिक क्षेत्रों की बैंकों का विलय हो रहा है।


इसका ग्राहकों पर कैसा असर पड़ेगा?




  • विलय होने के बाद ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर और कस्टमर आई जारी की जा सकती है।

  • जिन भी ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर या फिर IFSC कोड मिलेगा, उनको अपनी नई जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस), इंश्योरंस कंपनियों आदि को देनी होंगी।

  • ग्राहकों को SIP या फिर लोन (EMI) के लिए नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।

  • नया डेबिट कार्ड से लेकर क्रेडिट कार्ड और नई चेकबुक इश्यू हो सकती है।

  • बैंकों की कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, ऐसे में ग्राहकों को नई शाखा का रुख करना पड़ सकता है।


इसमें कोई बदलाव नहीं होगा




  • हालांकि, विलय के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या रेकरिंग डिपॉजिट (RD) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं

  • जिन्होंने ब्याज दरों पर लोन ले रखा है, जैसे पर्सनल लोन, होम लोन, व्हीकल लोन, उसमें भी कोई बदलाव नहीं होगा।


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