गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक जेलों में शुमार गाजियाबाद की डासना जिला जेल में अब हॉटलाइन वन टू वन सेवा का उद्घाटन किया गया है. इस लाइन से कैदियों से मुलाकात के दौरान न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन सही से हो पाएगा बल्कि दो गज की दूरी भी मेंटेन रहेगी. वहीं, कैदी और उनके परिजन एक दूसरे को देख सकेंगे और बातें फोन पर होगी. यूपी के जेल डीजी आनंद कुमार ने इसका शुभारंभ किया है.
जानकारी के अनुसार, डीजी जेल आनंद कुमार द्वारा कोविड-19 महामारी के चलते बंद मुलाकातियों की रोक के बाद टेलीफोन सेवा का उद्घाटन किया गया. जिससे अब आने वाले समय में बंदी अपने परिजनों से टेलीफोन के जरिए आमने-सामने खड़े होकर बात कर सकेंगे. इसकी शुरुआत प्रदेश के पहली जेल डासना से की गई है. फिलहाल सभी मुलाकात बंद हैं. नियम के अनुसार, अब से पहले अंडर ट्रायल वाले कैदियों की सप्ताह में तीन मुलाकात होती थीं, जिसमें 3 लोग उनसे मिल सकते थे, लेकिन कोरोना संकट काल मेंजेल में कैदियों से परिजनों की मुलाकात बंद है.अब हॉटलाइन वन टू वन सेवा की जरिए कोरोना काल में कैदी भी संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे और उनसे मिलने वाले भी. फिलहाल 39 फोन प्लॉट लगाए गए हैं. इनसे एक दूसरे से फोन पर बात हो सकेगी और जाली में से सामने एक दूसरे का चेहरा देखा जा सकेगा.
डासना जिला जेल में इस प्रोजेक्ट को पायलेट प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया गया है. अगर यहां ये कामयाब होता है, तो प्रदेश की अन्य जेलों में भी इसकी शुरुआत की जाएगी. हालांकि, देश की कई अन्य जेलों में ऐसी सुविधा पहले से चल रही है. कोरोना संकट काल शुरू होते ही करीब हजार कैदी पेरोल पर छोड़े गए थे. इसके बाद भी कोरोना के संकट से निपटने के लिए जेल में लगातार सेनेटाइजेशन किया जा रहा है.
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