Dussehra 2022: आज दशहरे का पर्व है और पूरे देश में विजयादशमी धूमधाम से मनाई जा रही है. आज अहंकार के प्रतीक रावण के पुतलों को दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाएगा. ऐसे में कानपुर के गोल चौराहे इलाके पर रावण के रंग-बिरंगे पुतले बड़ी संख्या में तैयार देखे जा रहे हैं. यहां करीब 20 परिवार दशानन के पुतलों को बनाने में जुटे हुए हैं. ये परिवार हर साल रावण के कई पुतलों का इसी तरह निर्माण करते हैं और इन पुतलों को लेने के लिए आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं.


हर परिवार करता है 20 से 25 पुतलों का निर्माण 


 हर परिवार 20 से 25 रावण के आकर्षक पुतलों का निर्माण करता है. कारीगरों की मानें तो करीब डेढ़ से 2 महीने पहले यह कारीगर इनके निर्माण में जी जान से जुट जाते हैं. इनका पूरा परिवार पुतलों का निर्माण करता है हालांकि इस बार रावण के पुतले पर भी महंगाई की मार पड़ती दिख रही है. 3 फुट से लेकर 25 फिट तक के पुतलों के दामों में इजाफा हुआ है. कारीगरों की माने तो रंगीन कागज, तार, बांस इन सभी के दाम बढ़ चुके हैं. ऐसे में ₹500 का पुतला इस बार 750 सौ से ₹800 में बिक रहा है.


कानपुर में पुतलों का बाजार गुलजार


हालांकि पुतला कारीगरों की मानें तो कोरोना काल के बाद इस बार पुतलों का बाजार गुलजार है. लोग बड़ी संख्या में रावण के पुतलों को खरीदने के लिए आ रहे हैं और उन्हें दाम भी ठीक-ठाक मिल रहे हैं. वहीं, पुतला खरीदने वाले लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. कानपुर देहात कन्नौज हमीरपुर महोबा झांसी से लोग रावण के रंग-बिरंगे पुतले खरीद कर ले जा रहे हैं. पुतला बाजार इस बार कोरोना काल की छाया से निकलने की कोशिश में है. इसीलिए पुतला कारीगरों ने इस बार बड़ी संख्या में और बड़े पुतलों का भी निर्माण किया है, जिनकी कीमत 5 से ₹10000 तक रखी गई है. हालांकि मौसम इन कारीगरों की मंशा पर भारी पड़ रहा है क्योंकि पिछले दो-तीन दिनों से हो रही बारिश इनके व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव डालती दिख रही है. इस बीच रावण के पुतले तैयार हैं.


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