देहरादून, एजेंसी। ई-गर्वेनेंस और पारदर्शिता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उत्तराखंड सरकार ने बुधवार से ई-मंत्रिमंडल प्रणाली शुरु की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यहां सचिवालय में ई-मंत्रिमण्डल प्रणाली की शुरुआत की। 'ई-मंत्रिमंडल' का उद्देश्य समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करना, पेपर लेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करना एवं संस्थागत मेमोरी को विकसित करना है। इसके प्रयोग से जहां कागज की बचत होगी, वहीं संस्थागत मेमोरी द्वारा कैबिनेटसे जुड़ी पिछली सूचनाओं को प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
ई-मंत्रिमंडल के लिये पोर्टल तैयार कर दिया गया है। मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव अब कागज की जगह ऑनलाइन जाएगा। इससे संबंधित सामान्य सूचनाएं, स्थान और समय पोर्टल, एसएमएस और ईमेल के माध्यम से मंत्रिमंडल को मिलेंगी। इस प्रणाली का इस्तेमाल करने वालों का ई-अकाउंट होगा। बैठक का कार्यवृत्त एवं निर्णयों को ऑनलाइन अपलोड और जारी किया जाएगा। मंत्रिमंडल की टिप्पणियों की केवल दो प्रतियां गोपन विभाग के लिए जारी होंगी जबकि विभागों को डिजिटल प्रतियां मिलेंगी।
उत्तराखंड की पहली ई-मंत्रिमंडल बैठक की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि आज हुई ई-मंत्रिमंडल की बैठक में कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। उन्होंने बताया कि आज लिए गये महत्वपूर्ण निर्णयों में, कैलाश मानसरोवर यात्रा की अनुदान राशि राज्य निवासियों के लिए दोगुनी करते हुए 25 हजार रुपये से बढाकर 50 हजार रुपये करना तथा महाविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर गेस्ट फैकल्टी के रूप में 11 माह के लिये नियुक्ति करने का अधिकार प्राचार्य को देना शामिल है ।