अब अधिकारी नहीं कहेंगे खो गई फाइल, अलीगढ़ में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू
UP News: अलीगढ़ के सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस लागू करने कराने को लेकर जिला मजिस्ट्रेट विशाख जी ने अपने कलेक्ट्रेट कार्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने की पहल की है.
Aligarh News: अलीगढ़ में डीएम के एक आदेश के बाद चुटकियों में काम होंगे और सभी फाइलों की निगरानी कंप्यूटर में रखी जाएगी जिससे फाइलों को लेकर पता लगाया जा सकेगा आखिर कौन सी फाइल कौन सी स्टेज तक पहुंची है. इसको लेकर नई प्रणाली लागू होने से आम जनता के लिए इसे बड़ी खुशखबरी के तौर पर देखा जा रहा है.
दरअसल, प्रदेश सरकार पूरे राज्य में सरकारी कामकाज को पूरी तरह से ई-ऑफिस के जरिए करने में जुटी हुई है. शासन स्तर पर व्यवस्था लागू होने के बाद अब जिलों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू की जा रही है. जिला अलीगढ़ के सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस लागू करने कराने को लेकर जिला मजिस्ट्रेट विशाख जी ने अपने कलेक्ट्रेट कार्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने की पहल की है. सोमवार 29 जुलाई से कलैक्ट्रेट के सभी पटलों पर ई-ऑफिस प्रणाली लागू हो गई.
ई-ऑफिस से समय की होगी बचत
डीएम विशाख जी ने बताया कि इससे कार्य में तेजी आने के साथ ही पारदर्शिता से काम हो सकेगा, भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा. ई-ऑफिस से समय की बचत होगी. सरकारी कार्यालयों में जरूरी दस्तावेजों को सुरक्षित रखना आसान होगा. उन्होंने बताया कि कलैक्ट्रेट में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने के बाद एक पटल से दूसरे पटल पर कम्प्यूटर के माध्यम से फाइलों का आदान-प्रदान होगा.
डीएम विशाख जी ने जिले का सचिवालय कहे जाने वाले कलैक्ट्रेट कार्यालय में तय समय सीमा के भीतर ई-ऑफिस व्यवस्था लागू कर दिखाई है. निश्चित ही अब जिले के अन्य विभागों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू की जाएगी. कौन सी फाइल किस पटल पर कब से रुकी हुई है, संबंधित की जिम्मेदारी निर्धारित हो सकेगी और डीएम किसी भी पत्रावली की स्वयं कंप्यूटर के माध्यम से मॉनिटरिंग कर सकेंगे.
ऐसे काम करती है ई-ऑफिस प्रणाली
ईडीएम मनोज राजपूत ने बताया कि ई-ऑफिस का प्रयोग करने के लिए कर्मचारियों के पास आई थ्री प्रोसेसर, विंडो-10 या उससे ऊपर का कम्प्यूटर होना चाहिए. इसके साथ ही 50 एमबीपीएस का इंटरनेट भी आवश्यक है. ई-ऑफिस का सॉफ्टवेयर एनआइसी के नेटवर्क पर बेहतर ढ़ंग से कार्य करता है. यदि एनआइसी का इंटरनेट नहीं है तो कर्मचारी को वीपीएन का नेटवर्क आवश्यक होता है. अधिकारी-कर्मचारी को ई-ऑफिस पर लॉग इन करने के लिए एनआइसी की ई-मेल आईडी और पासवर्ड होना आवश्यक है, जिसकी मैपिंग ई-ऑफिस पोर्टल पर की जाती है.
मनोज राजपूत ने बताया कि सर्वप्रथम अधिकारी कर्मचारी को ई-ऑफिस से जुड़ी वेबसाइट को खोलकर एनआइसी की मेल आईडी से लॉगिन करना है, इसके बाद ई-फाइल पर जाना है. यदि कर्मचारी को कोई पत्र प्रेषित करना है तो कर्मचारी को रिसीट विकल्प क्लिक कर उस पत्र को अपलोड कर नोट पर अपना मंतव्य टाइप करना है और उसके बाद जिस अधिकारी को पत्र प्रेषित करना है उनका नाम सर्च कर ऑनलाइन भेजना है.
अब पत्र सबंधित अधिकारी के इनबॉक्स में पहुंच गया है और सबंधित अधिकारी अपने कम्प्यूटर पर लॉगिन कर उस पत्र को अपने इनबॉक्स में देख सकते हैं. पत्र का अवलोकन करने के उपरांत यदि उसे अधिकारी को अपने किसी वरिष्ठ अधिकारी का मंतव्य प्राप्त करना है तो प्राप्त कर सकते हैं अथवा अपने दिशा निर्देश अंकित करते हुए वापस उसी कर्मचारियों को पत्र प्रेषित कर दिया जाना है. उसके उपरांत वह पत्र फिर से कर्मचारी के इनबॉक्स में दिखाई देने लगता है और वह सबन्धित अधिकारी के दिशा-निर्देश का पालन करेगा.
क्या कहना है अधिकारियों का
अपर जिलाधिकारी न्यायिक एवं नोडल अधिकारी अखिलेश कुमार का कहना है कि ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से काफी आसानी होगी. ई-ऑफिस प्रणाली से कार्यालय के समस्त पत्र, फाइल संबंधित कार्य ऑनलाइन हो गए हैं. इससे दस्तावेज को हमेशा के लिए सुरक्षित रखने में मदद तो मिलेगी ही, फाइल और पत्र खोजने में आसानी होगी, साथ ही समय की भी बचत होगी. उन्होंने बताया कि इन दो दिन में स्वयं उनके एवं एडीएम प्रशासन, डीएलआरसी और ईडीएम पटल से पत्रावलियों एवं पत्रों का प्रेषण किया गया है.
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