UP Flood News: पूर्वी यूपी में भारी बारिश के बीच तेजी से बढ़ रही नदियां खतरे की घंटी बजा रही हैं. पूर्वी यूपी में नेपाल के पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. कुशीनगर के कुछ गांव में नेपाल के पानी छोड़ने की वजह से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. तो वहीं घाघरा, राप्ती, रोहिन, गुर्रा नदियां तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसे में बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल है.
गोरखपुर में राप्ती नदी के बर्डघाट समेत अलग-अलग जिलों में बहने वाली नदियों के घाटों पर नदियों का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है. ऐसे में नदियों के किनारे और तराई के इलाकों में बसे गांव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. घाघरा, राप्ती, रोहिन और गुर्रा तेजी से बढ़ रही है. नदियों में पानी बढ़ने की स्थिति ऐसी ही रही, तो नदियां 48 से 72 घंटे के भीतर खतरे का निशान पार कर सकती हैं. ऐसे में नदियों के किनारे बसे गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं.
घाघरा नदी का बढ़ा जलस्तर
नदियों का जलस्तर जिसे तेजी के साथ बढ़ रहा है, वो डरा रहा है. घाघरा अयोध्या पुल पर खतरा बिंदु 92.73 से महज 1.22 आरएल मीटर नीचे बह रही है. घाघरा नदी अयोध्या पुल पर उतार पर है. ये 24 घंटे में 0.06 आरएल मीटर घटी है. जबकि 16 घंटे में 0.09 आरएल मीटर घटी है. साल 2009 में घाघरा ने अयोध्या पुल पर सर्वाधिक जल स्तर 94.010 के बिंदु पर पहुंचकर तबाही मचाई थी. घाघरा 7 जुलाई को सुबह 8 बजे 91.510 आरएल मीटर पर बह रही थी. जबकि 16 घंटे पहले 6 जुलाई की शाम 4 बजे 91.600 आरएल मीटर पर बह रही थी.
खतरा बिंदु के पास बह रही घाघरा नदी
घाघरा तुर्तीपार में तेजी के साथ चढ़ान पर है. घाघरा तुर्तीपार में खतरा बिंदु 64.01 आरएल मीटर से 1.51 आरएल मीटर नीचे बह रही है. साल 1998 में तुर्तीपार में घाघरा ने खतरा बिंदु 64.01 को पार करते हुए 66.00 आरएल मीटर पर पहुंची थी. घाघरा तुर्तीपार में तीव्र गति से 24 घंटे में 1.16 आरएल मीटर बढ़ी है. जबकि 16 घंटे में 0.73 आरएल मीटर बढ़ी है. 7 जुलाई सुबह 8 बजे घाघरा 62.500 आरएल मीटर, जबकि 16 घंटे पहले 6 जुलाई शाम 4 बजे 61.770 आरएल मीटर पर बह रही थी. 24 घंटे पहले 6 जुलाई की सुबह 8 बजे 61.340 आरएल मीटर पर बह रही थी.
राप्ती नदी का भी बढ़ा जलस्तर
राप्ती नदी बर्डघाट पर तेजी के साथ चढ़ान पर है. ये बर्डघाट पर खतरा बिंदु 74.98 से 1.24 आरएल मीटर नीचे बह रही है. ये नदी साल 1998 की भीषण बाढ़ में उच्चतम बाढ़ के जल स्तर 77.54 आरएल मीटर पर पहुंच गई थी. राप्ती 24 घंटे में 1.06 आरएल मीटर की गति के साथ बढ़ी है. जबकि 16 घंटे में 0.77 आरएल मीटर बढ़ी है. 7 जुलाई सुबह 8 बजे 73.740 आरएल मीटर, जबकि 16 घंटे पहले 6 जुलाई शाम 4 बजे 72.970 आरएल मीटर पर बह रही थी. 24 घंटे पहले 6 जुलाई की सुबह 8 बजे 72.680 आरएल मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया.
रोहिन नदी भी ऊफान में
रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट तेजी के साथ चढ़ान पर है. रोहिन त्रिमुहानी घाट पर खतरा बिंदु 82.44 से 1.85 आरएल मीटर नीचे बह ही है. रोहिन ने साल 2017 में उच्चतम बाढ़ के जल स्तर 85.45 आरएल मीटर पर पहुंचकर कई गांवों में तबाही मचाई थी. रोहिन 24 घंटे में 0.78 आरएल मीटर बढ़ी है. जबकि 16 घंटे में 0.47 आरएल मीटर बढ़ी है. रोहिन नदी 7 जुलाई सुबह 8 बजे 80.590 आरएल मीटर दर्ज की गई. जबकि 16 घंटे पहले 6 जुलाई शाम 4 बजे 80.120 आरएल मीटर और 24 घंटे पहले 6 जुलाई की सुबह 8 बजे 79.810 आरएल मीटर रिकार्ड की गई.
कुआनो नदी का जलस्तर खतरे के बिंदु पास
कुआनो नदी मुखलिसपुर में निम्न चढ़ान स्तर पर है. कुआनो मुखलिसपुर में खतरा बिंदु 78.65 आरएल मीटर से 2.11 आरएल मीटर नीचे बह रही है. कुआनो साल 1998 की बाढ़ में अपने उच्चतम जल स्तर 79.84 आरएल मीटर पर पहुंचकर कई गांवों में तबाही का सबब बनी थी. कुआनो 24 घंटे में 0.11 आरएल मीटर बढ़ी है. जबकि 16 घंटे में 0.1 आरएल मीटर बढ़ी है. कुआनो 7 जुलाई सुबह 8 बजे 76.540 आरएल मीटर पर जलस्तर पर दर्ज की गई है. जबकि 16 घंटे पहले 6 जुलाई शाम 4 बजे 76.440 आरएल मीटर और 24 घंटे पहले 6 जुलाई की सुबह 8 बजे 76.430 आरएल मीटर रिकार्ड हुई.
पिण्डरा घाट पर तेजी के साथ चढ़ रही गुर्रा नदी
गुर्रा नदी पिण्डरा घाट पर तेजी के साथ चढ़ान पर है. गुर्रा पिण्डरा में खतरा बिंदु 70.50 आरएल मीटर से 1.7 आरएल मीटर नीचे बह रही है. गुर्रा ने साल 2021 की बाढ़ में उच्चतम जल स्तरः 72.22 आरएल मीटर पर पहुंचकर कई गांवों पर खतरा पैदा कर दिया था. गुर्रा 24 घंटे में 1.3 आरएल मीटर बढ़ी है. जबकि 16 घंटे में 0.8 आरएल मीटर बढ़ी है. 7 जुलाई को सुबह 8 बजे 68.400 आरएल मीटर पर बह रही है. जबकि 16 घंटे पहले 6 जुलाई शाम 4 बजे 67.600 आरएल मीटर पर रिकार्ड किया गया है. 24 घंटे पहले 6 जुलाई की सुबह 8 बजे 67.100 आरएल मीटर रिकार्ड किया गया.
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