UP Politics: पूर्व मंत्री पर ED का एक्शन, मुंबई में 4 फ्लैट जब्त, पद का दुरुपयोग करने का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि खनन मंत्री के पद पर रहते हुए प्रजापति ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया है.
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UP News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत मुंबई में चार फ्लैट और लखनऊ में कई भूखंड जब्त किए हैं जिनका मूल्य 13 करोड़ रुपये से अधिक है. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि ये संपत्तियां प्रजापति, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों की हैं.
मुंबई के फ्लैट मलाड (पश्चिम) में स्थित हैं, जबकि सात भूखंड (कृषि और आवासीय) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहनलाल गंज और हरिहरपुर में स्थित हैं. ईडी ने कहा कि धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 13.42 रुपये मूल्य की इन संपत्तियों को कुर्क करने का एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है.
पद का दुरुपयोग करने का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री के पद पर रहते हुए प्रजापति ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और अपने परिवार के सदस्यों और अन्य करीबी सहयोगियों/दोस्तों के नाम पर बड़ी मात्रा में संपत्ति अर्जित की, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों के अनुरूप नहीं थी.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विभिन्न ‘काल्पनिक और दिखावटी’ लेनदेन के माध्यम से उत्पन्न अवैध धन को सफेद किया और कई संपत्तियां हासिल कीं.
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परिवार के बैंक खातों का किया इस्तेमाल
एजेंसी ने कहा, 'उन्होंने अवैध रूप से अर्जित नकदी को जमा करने के लिए अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया.' नवीनतम कुर्की के साथ, इस मामले में ‘फ्रीज’ की गई संपत्ति का कुल मूल्य 50.37 करोड़ रुपये हो गया है. ईडी द्वारा 2021 में दर्ज किया गया धनशोधन का यह मामला, प्रजापति और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सतर्कता विभाग की ओर से दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है.
बता दें कि गायत्री प्रजापति अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री थे. रेप केस में आरोपी होने के बाद उनपर केस दर्ज हुआ और फिर कोर्ट ने आरोपों को सही पाया. अभी रेप केस में सजा होने के बाद जेल में बंद हैं.
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