नई दिल्ली: पूर्व बीएसपी एमएलसी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यूपी में सात चीनी मिलें कुर्क की गई हैं. ये जानकारी ईडी के एक अधिकारी ने दी. इन सात चीनी मिलों की कीमत 1097 करोड़ रुपये से अधिक है. अधिकारी के मुताबिक, ये चीनी मिलें यूपी के कुशीनगर, बरेली, देवरिया, हरदोई और बाराबंकी जिले में स्थित हैं. इन कीमत 10,97,18,10,250 रुपये है.
एजेंसी ने कहा, "ये मिलें साल 2010-11 में इकबाल और उनके परिवार को सिर्फ 60.28 करोड़ रुपये में विनिवेश/बिक्री प्रक्रिया के माध्यम से बेची गई थी." ईडी ने आरोप लगाया कि ये मिल शेल कंपनियों के नाम पर खरीदे गए. इसमें नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिडेट और गिरिशो कंपनी प्रा. लिमिटेड के नाम शामिल हैं जो इकबाल और उनके परिवार के 'अंडर' में थे.
ईडी ज्वाइंट डायरेक्टर (लखनऊ) राजेश्वर सिंह ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है और कुछ और लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है. जांच एजेंसी ने पिछले साल अक्टूबर महीने में पूर्व बीएसपी एमएलसी के परिसरों पर छापेमारी हुई थी.
एसएफआईओ की तरफ से क्रिमिनल शिकायत और सीबीआई की तरफ से अवैध रेत खनन और सुगर मिल की बिक्री का केस दर्ज किए जाने पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने मोहम्मद इकबाल और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया. एक जनहित याचिका पर साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह इकबाल और अन्य के खिलाफ जांच शुरू करे.
साल 2007 से 2012 के दौरान यूपी में बीएसपी का शासनकाल था. इस दौरान 11 चीनी मिलों को निजी कंपनियों को बेच दिया गया था. मिलें औने-पौने दाम पर बेची गईं थी जिस पर बड़ा हंगामा मचा था. इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. इस पूरे मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय को दी गई थी. जांच में मोहम्मद इकबाल समेत कई लोगों के नाम सामने आए थे. जांच में पूर्व बीएसपी एमएलसी की कई बेनामी संपत्तियों का पता चला था. सहारनपुर में 700 एकड़ में बनी ग्लोकल यूनिवर्सिटी और मसूरी के आलीशान होटल के अलावा देहरादून में एक होटल समेत कई जगह पर प्रॉपर्टी पाई गई थी.
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