PFI और सहयोगी संगठन के गिरफ्तार 5 सदस्यों पर गिरी गाज, ईडी ने कोर्ट के सामने पेश की चार्जशीट
हाथरस में हुए बहुचर्चित रेप कांड के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी संगठन के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.
लखनऊः हाथरस में हुए बहुचर्चित रेप कांड के बाद वहां दंगा फैलाने की नीयत से जा रहे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी संगठन के 5 सदस्यों के खिलाफ ईडी ने चार्जशीट कोर्ट के सामने पेश की है. चार्जशीट में एक पत्रकार का नाम भी शामिल है. ईडी ने अपने चार्जशीट में स्पष्ट तौर पर कहा है कि दंगा फैलाने के लिए पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों को विदेशों से फंडिंग होती है और फंडिंग का इस्तेमाल भविष्य में भी किया जा सके, इसके लिए पीएफआई जमीने भी खरीद कर रखती है.
हाथरस में बहुचर्चित रेप कांड के काफी काफी बवाल और अफरा-तफरी मची थी. इसी अफरा-तफरी के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने मथुरा से पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन सीएफआई के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. जिनमें एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन भी शामिल था. इन लोगों पर आरोप लगाया गया था कि यह लोग पीएफआई के आलाकमान के इशारे पर हाथरस में दंगा फैलाने की नीयत से जा रहे थे.
ईडी ने दायर की चार्जशीट
गिरफ्तारियों को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने भी खासकर कांग्रेस ने खासा हंगामा मचाया था. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, पीएफआई और सीएफआई के जिन पांच सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई उनके नाम हैं अतिकुर रहमान (CFI का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष), मसूद अहमद ( CFI का दिल्ली महासचिव), पेशे से पत्रकार लेकिन PFI के संपर्क में रहने वाले सिद्धिकी कप्पन, मोहम्मद आलम (PFI, CFI सदस्य).
मथुरा पुलिस ने इन सभी को एक कार से उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब ये सभी हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने के बहाने हाथरस में दंगा भड़काने, सांप्रदायिक सौहाद्र बिगाड़ने की नीयत से वहां जा रहे थे. बाद में इस मामले की जांच ईडी ने भी शुरू कर दी थी और अब ईडी ने इस मामले में अपनी पहली चार्जशीट लखनऊ की विशेष अदालत के सामने पेश कर दी है. ईडी की चार्जशीट में कई सनसनीखेज खुलासे भी किए गए हैं.
महासचिव रऊफ है मास्टरमाइंड
ईडी का दावा है कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन सीएफआई के यह पांचों सदस्य अपने युवा विंग के महासचिव रऊफ के कहने पर वहां आ रहे थे. बताया जा रहा है कि रऊफ ने ही दंगों के लिए पौने दो करोड़ रुपये की रकम मुहैया कराई थी. पीएफआई की युवा विंग का महासचिव रऊफ को प्रवर्तन निदेशालय ने देश छोड़कर भागने की कोशिश में केरल के एक एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था.
ईडी को जांच के दौरान पता चला की रऊफ ही वह शख्स है जिसके माध्यम से पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन को मिलने वाली फंडिंग की एक बड़ी रकम विदेशों से आती है. ईडी को जांच के दौरान यह भी पता चला है कि विदेशों से फंडिंग के तौर पर आने वाली रकम पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों के परिजनों के नाम पर भी आती है और उनके बकायदा बैंक खातों में जमा भी की जाती है.
पीएफआई के खातों में 100 करोड़ से ज्यादा रुपये
यह पैसा धीरे-धीरे पीएफआई के खाते में जमा होता चला जाता है. ईडी को अब तक की जांच के दौरान पीएफआई के खातों में 100 करोड रुपये से ज्यादा जमा होने के सबूत मिले हैं. जिसकी अलग से भी जांच हो रही है. ईडी को यह भी पता चला है कि विदेशों से आई फंडिंग कि पैसों से जमीनें खरीद ली जाती है, जिसका इस्तेमाल भविष्य में आने वाले दंगे के लिए भी किया जाता है.
ईडी का दावा है की पीएफआई को लेकर अब तक हुई जांच में इस बात के भी संकेत मिले हैं कि विदेशों से आने वाली फंडिंग का इस्तेमाल दिल्ली समेत अन्य जगहों में हुए दंगों में भी इस्तेमाल किया गया था और इसमें दिल्ली में हुआ सीएए प्रदर्शन-हिंसा भी शामिल है. ईडी के मुताबिक अभी इस मामले में और भी आरोपपत्र कोर्ट के सामने दाखिल किए जा सकते हैं.
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