पूर्व IAS मोहिंदर सिंह के घर ED रेड, 5 करोड़ का हीरा, सोने के गहने और अरबों की संपत्ति के मिले सबूत
ED Raid: पूर्व आईएएस मोहिन्दर सिंह साल 2007 से 2011 के बीच बसपा सरकार कई अहम पदों पर रहे हैं. उन्होंने नोएडा और लखनऊ में करोड़ों की लागत से महापुरुषों के नाम पर स्मारक और पार्कों का निर्माण करवाया.
ED Raid: लोटस 300 हाउसिंग प्रोजेक्ट में करोड़ों के घोटाले मामले में रिटायर आईएएस अफसर मोहिंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ईडी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए देश भर के दर्जन भर ठिकानों पर छापेमारी की. इनमें दिल्ली से लेकर मेरठ, नोएडा और चंडीगढ़ में रेड हुई. इस दौरान रिटायर्ड IAS एवं नोएडा अथॉरिटी के पूर्व CEO रहे मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास से सौ करोड़ की चल अचल संपत्ति का पता चला है.
पूर्व आईएएस मोहिन्दर सिंह साल 2007 से 2011 के बीच बसपा सरकार कई अहम पदों पर रहे हैं. उन्होंने नोएडा और लखनऊ में करोड़ों की लागत से महापुरुषों के नाम पर स्मारक और पार्कों का निर्माण करवाया. इसके अलावा कई निजी बिल्डरों को भी फायदा पहुंचाने का आरोप है.
पांच करोड़ का हीरा भी बरामद
सूत्रों के मुताबिक ईडी की रेड में मोहिंदर सिंह के घर से करीब एक करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये के हीरे मिले हैं इनमें एक हीरे की क़ीमत पांच करोड़ रुपये हैं. इसके अलावा 7 करोड़ की कीमत के सोने के जेवरात और केस से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. ये 300 करोड़ रुपये का घोटाला था, जिसमें ED ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था. जल्द ही विजिलेंस की टीम भी मोहिन्दर सिंह से पूछताछ कर सकती है.
पूर्व आईएएस के घर ईडी की छापेमारी में 100 करोड़ रूपयों तक की संपत्ति से जुड़े सबूत मिले हैं. उनके घर से एक पांच करोड़ रुपये का हीरा भी मिला है. इस बारे में जब उनसे पूछताछ की गई तो हीरे के बारे में भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. दावा है कि अब तक यूपी में किसी सरकारी अफसर के घर से छापे में इतने हीरे नहीं मिले हैं.
बसपा सरकार में मोहिंदर सिंह की धाक हुआ करती थी, उन पर आरोप है कि नोएडा अथॉरिटी के CEO रहते हुए बिल्डरों संग मिल कर 636 करोड़ का जमीन घोटाला किया था. लोटस प्रोजेक्ट के संचालकों के साथ उनकी अच्छी सांठ-गांठ थी, जिनके साथ मिलकर उन्होंने करोड़ों का वारा न्यारा किया, इस मामले में अब विजिलेंस भी एक्टिव हो गई है.
ईडी के छापे के बाद विजिलेंस भी उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस देने जा रही है. ईडी स्मारक घोटाले में उनसे सवाल-जवाब कर सकती है. स्मारक घोटाले में उनका नाम आने के बाद वो ऑस्ट्रेलिया चले गए थे. वहां से क़रीब दो साल बाद वो वापस लौटे हैं. इस मामले में भी कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है.