लखनऊ: गायत्री प्रसाद प्रजापति अखिलेश सरकार का एक ऐसा मंत्री जो शायद सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा है. कभी अपने विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर तो कभी नए-नए कारनामों को लेकर. गायत्री प्रसाद प्रजापति की कहानी फिल्म सरीखी है. 2002 तक गायत्री प्रसाद प्रजापति बीपीएल कार्ड धारक था, लेकिन फिर किस्मत कुछ ऐसी पलटी की गायत्री प्रसाद प्रजापति खनन किंग बन कर अकूत संपत्ति का मालिक बन बैठा. गायत्री प्रसाद प्रजापति एक बार फिर चर्चा में इसलिए है क्योंकि बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने प्रजापति के अमेठी, लखनऊ और कानपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की है. और इस छापेमारी में ईडी के हाथ अरबों की संपत्ति के दस्तावेज लगे हैं. लखनऊ में ईडी ने गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति के दफ्तर पर छापे मारे तो यहां 11 लाख रुपए के पुराने नोट भी बरामद हुए है.
500 और 1000 के ये नोट नोटबंदी के बाद बंद हो गए लेकिन गायत्री प्रसाद प्रजापति की अकूत दौलत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आम लोगों के घर रद्दी में अखबार और किताबें निकलती हैं तो गायत्री प्रसाद प्रजापति के यहां छापे में रद्दी में पुराने नोट निकले. इतना ही नहीं यहां प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को 5 लाख के सादे स्टाम्प पेपर भी बरामद हुए और तो और 80 से ज्यादा बेनामी संपत्तियों के बारे में भी अधिकारियों को जानकारी मिली है. वहीं लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में 100 बीघे की बेनामी जमीन का भी पता ईडी अफसरों को चला है.
दरअसल गायत्री की मोडस ऑपरेंडी इस तरह की थी कि वह अपने करीबियों के नाम पर यह जमीन जायदाद खरीदता था. अमेठी में गायत्री के ड्राइवर के घर छापेमारी हुई तो वहां भी उसके ड्राइवर के नाम 200 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं.
गायत्री कैसे बना धनकुबेर ?
अमेठी के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाला गायत्री प्रजापति साल 2002 तक बीपीएल कार्ड धारक था फिर उसने प्रॉपर्टी का काम शुरू किया. 2002 में उसने जब विधानसभा का चुनाव लड़ा था तो चुनावी हलफनामे में उसने अपनी कुल प्रॉपर्टी 92 हजार रुपए बताई थी. फिर 2012 में जब गायत्री प्रसाद प्रजापति ने विधानसभा का चुनाव लड़ा तब चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 1 करोड़ 81 लाख बताई. लेकिन 2017 का चुनाव आते-आते गायत्री की संपत्ति में 10 गुना का इजाफा हो गया. 2017 के विधानसभा चुनाव में गायत्री ने अपने हलफनामे में कुल संपत्ति 10 करोड़ से ज्यादा की बताई थी.
कई घोटालों का आरोपी
2012 में गायत्री प्रसाद प्रजापति अमेठी जो कांग्रेस का गढ़ माना जाता है वहां से विधानसभा का चुनाव जीत कर आया था, इसलिए सपा सरकार में उसे 2013 में पहली बार सिंचाई विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया. लेकिन 6 महीने के भीतर ही उसे खनन विभाग का राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बना दिया गया और फिर 2014 आते-आते तो गायत्री की किस्मत ऐसी चमकी कि उसे खनन विभाग में ही कैबिनेट मंत्री बना दिया गया. गायत्री प्रसाद प्रजापति के मंत्री रहते खनन विभाग में कई घोटालों के आरोप लगे. हाईकोर्ट ने पूरे मामले में दखल देते हुए खनन घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए. गायत्री प्रसाद प्रजापति के कारनामों के चलते अखिलेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी और पिछले तकरीबन साढ़े 3 साल से गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल में बंद है.
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