उत्तराखंड में एक लेटर ने बढ़ाई वन विभाग की मुश्किलें, ED ने तलब की जानकारी
Dehradun News: कॉर्बेट पार्क में पाखरो सफारी मामले में सीबीआई जांच कर रही है. वही सूत्र बताते हैं कि अब ईडी ने कैंपा से जुड़ी जानकारी कई बिंदुओं में मांगी है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड में वन विभाग के दिन ठीक नहीं चल रहे हैं. अधिकारियों की आपसी खींचतान के कई मामलों ने प्रदेश सरकार और वन मंत्री की चिंताएं बढ़ा दी है. वही अब एक और लेटर वन विभाग की मुसीबत बढ़ा सकता है. कॉर्बेट पार्क में पाखरो सफारी मामले में सीबीआई जांच कर रही है. वही सूत्र बताते हैं कि अब ईडी ने कैंपा से जुड़ी जानकारी मांगी है. इस संबंध में एक पत्र वन विभाग के पास पहुंचा है जिसमे कैपा की जानकारी मांगी गई है. बताया जा रहा है कि ईडी का जो पत्र है, उसमें कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है.
वन भूमि हस्तांतरण के समय प्रयोक्ता विभाग वन भूमि की नेट प्रेजेंट वैल्यू की राशि जमा करता है. फिर यह राशि केंद्र से राज्य को कैंपा मद के माध्यम से मिलती है. इसका कार्य क्षतिपूरक वनीकरण के तहत कार्य करना होता है. इसके अलावा मृदा संरक्षण, जल संरक्षण, मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के कार्य भी होते हैं. इसके लिए एक नियमावली बनी हुई है. सूत्रों के अनुसार एक दौर में कैंपा से हुए आवंटन को लेकर मानकों का पालन नहीं किया गया है.
ED ने कई बिंदुओं पर मांगी जानकारी
ईडी ने हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मांगी है, यह सवाल उठ रहा है कि इसका संबंध पाखरो से है या फिर कैंपा मद (कैम्पा) के किसी नए मामले से है. ईडी द्वारा जारी पत्र में विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है, जिससे दोनों मामलों पर अटकलें लगाई जा रही हैं. कैंपा मद की बात करें तो यह वन विभाग द्वारा वन भूमि हस्तांतरण के समय जमा की गई नेट प्रेजेंट वैल्यू की राशि से संबंधित है. इस राशि को केंद्र सरकार से राज्य को कैंपा मद के तहत हस्तांतरित किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य क्षतिपूरक वनीकरण करना है, ताकि वन क्षेत्र में हुई क्षति की भरपाई की जा सके.
इसके अलावा, इस राशि का उपयोग मृदा संरक्षण, जल संरक्षण, और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने जैसे कार्यों के लिए भी किया जाता है. कैंपा मद के उपयोग की प्रक्रिया के लिए एक नियमावली बनाई गई है, जिसे पालन करना अनिवार्य है. हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, कैंपा मद के आवंटन के मामले में मानकों का पालन नहीं किया गया है. यह अनियमितताएँ ईडी की जांच का एक संभावित कारण हो सकती हैं.
वर्तमान में यह स्पष्ट नहीं है कि ईडी की जांच का केंद्र बिंदु पाखरो है या फिर कैंपा मद के आवंटन में हुई अनियमितताएँ हैं. ईडी के पत्र में मांगी गई जानकारी की विस्तृत जानकारी मिलने पर इस मामले की स्पष्टता बढ़ेगी. इस बीच, सभी संबंधित पक्षों को कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए ईडी की जांच में सहयोग देना होगा, ताकि निष्पक्षता बनी रहे और अनियमितताओं का सही समाधान निकाला जा सके,
ED ने वन अधिकारियों के आवास पर मारा था छापा
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में गड़बड़ी का मामला सामने आया था, इसके बाद से केंद्रीय जांच एजेंसियां भी मामले की पड़ताल कर रही हैं. ईडी ने पाखरो मामले में वन विभाग के कई अधिकारियों के आवास पर छापा मारा था, कुछ के यहां नकदी और सोना मिला था संबंधित प्रकरण की जांच जारी है.
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