लखनऊ: नोएडा के चर्चित बाइक बोट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई शुरू कर दी है. ईडी ने सोमवार को घोटाले वाली कंपनी गर्वित इन्नोवेटिव प्रमोटर्स और उसके मालिक संजय भाटी के नाम पर दर्ज 26 संपत्ति और 22 बैंक खातों को सीज कर 104 करोड़ की प्रॉपर्टी को सीज कर दिया है.
29 जून 2019 को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में दर्ज हुई ईडी की एफआईआर में अब कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है. नोएडा के दादरी में दर्ज हुए इस 4000 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में ईडी ने संजय भाटी और उसकी गर्वित इन्नोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम पर खरीदी गई बेशकीमती संपत्ति को ज़ब्त कर दिया है. ईडी ने नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, कानपुर और इंदौर की 19 बेशकीमती फ्लैट, प्लाट जमीन जो सीधे संजय भाटी और उसकी कंपनी के नाम पर खरीदी गई थी, उनको जब्त किया है, तो वहीं 7 ऐसी संपत्तियां भी जब्त की गई हैं, जो संजय भाटी ने अपने किसी खास आदमी के नाम पर खरीदी थी. इसके साथ ही ईडी ने 22 बैंक खातों को भी सीज किया है. इस तरह ईडी ने एक दिन में 103.73 करोड़ की संपत्ति को सीज किया.
ईडी की जांच में बड़े खुलासे
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि संजय भाटी ने पोंजी स्कैम की तरह बोगस कंपनी बनाकर पहले बेनामी संपत्ति खरीदी और फिर उस बोगस कंपनी की खरीदी संपत्ति को अपने नाम करवा लिया जिसमें कुल्लू का एक रिसॉर्ट भी शामिल है. वहीं, दूसरी ओर नोएडा के कोऑपरेटिव बैंक में ईडी को जांच में कई संदिग्ध लेनदेन के भी सुबूत मिले हैं. बैंक कर्मियों की मिलीभगत से की गई इस लेनदेन से मनी लॉन्ड्रिंग के सुबूत मिले हैं.
चार हजार करोड़ का घोटाला
बता दें कि ईडी ने संजय भाटी और उसकी कंपनी पर शिकंजा कसने के लिए लखनऊ, कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद बुलंदशहर समेत कई शहरों में छापेमारी की थी और जिसके बाद बेनामी संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के सुबूत हाथ लगे हैं. उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में फैले इस बाइक बोट घोटाले में 2.2 लाख निवेशकों से 4000 करोड़ का घोटाला हुआ. नोएडा के इस बाइक बोट घोटाले की जांच जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की मेरठ यूनिट कर रही है तो वहीं दूसरी ओर ईडी भी शिकंजा कस रही है.
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