Uttar Pradesh News Today: उत्तर प्रदेश में 2007 से 2012 की बीएसपी सरकार में हुए कथित स्मारक घोटाले को लेकर ईडी ने पूर्व आईएएस ऑफिसर मोहिंदर सिंह और रामबोध मौर्य को पूछताछ के लिए तलब किया है. ईडी ने 14 अरब रुपये के स्मारक घोटाले के लिए इन दोनों के अलावा उत्तर प्रदेश राज्य की निर्माण निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक सीपी सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया है.


इसी क्रम में प्रवर्तन निदेशालय ने इन स्मारकों के लिए पत्थरों की आपूर्ति करने वाले मार्बल कारोबारी को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. ईडी ने मार्बल कारोबारी आदित्य अग्रवाल को 15 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है, जबकि अगले दिन यानी 16 अक्तूबर को पूर्व आईएएस ऑफिसर मोहिंदर सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया है. 


पूर्व मंत्री पर ईडी कस सकती है शिकंजा
ईडी ने सीपी सिंह को 17 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है और रामबोध मौर्य को 18 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. इस प्रकरण में ईडी अब  घोटाले के आरोपियों में शामिल पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा पर भी शिकंजा कस सकती है.


साल 2007 से 2012 में स्मारकों के निर्माण के दौरान मोहिंदर सिंह प्रमुख सचिव आवास के पद पर तैनात थे. सीपी सिंह निर्माण निगम के एमडी थे और रामबोध मौर्य भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक थे. इसमें मोहिंदर सिंह की अध्यक्षता में स्मारकों के पत्थरों के दाम तय करने वाली समिति बनी थी.


कथित घोटाल में क्या है आरोप?
इस समिति में लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, निर्माण निगम के एमडी और खनन विभाग के संयुक्त निदेशक इसके सदस्य थे. इन पर आरोप है कि समिति ने दाम तय करने के साथ पट्टा धारकों का कंसोर्टियम बनाकर पत्थरों की आपूर्ति समेत कई अहम फैसले लिए थे.


इस मामले में मोहिंदर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के स्मारकों के निर्माण के लिए करोड़ों रुपये की धनराशि आवंटित की. ईडी इस कथित घोटाले में यह पता लग रही है कि मोहिंदर सिंह ने कितनी धनराशि दी और उससे क्या-क्या काम कराया गया है?


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