Etawah Central Jail: इटावा के सैफ़ई के ग्राम महौला स्थित प्रदेश की छठी सेंट्रल जेल उद्धघाटन के 8 महीने बाद भी खाली पड़ी है. इस जेल को बनाने में अरबों रुपयों का खर्च आया था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले कार्यकाल में इसका उद्घाटन किया था. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में बनना शुरू हुआ यह सेंट्रल जेल दो हजार कैदियों की क्षमता वाली है. इस जेल में अभी तक बिजली की सप्लाई और स्टॉफ की बहाली नहीं हो पाई है. इस जेल का निरीक्षण करने आए कारागार मंत्री ने कहा कि जल्द ही इसमें स्टाफ भर्ती और बिजली सप्लाई व्यवस्था करके शुरू कर दी जाएगी.


मुलायम सिंह यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट
यह जेल सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट मानी जाती है. जेल अधीक्षक रामधनी सिंह ने एबीपी गंगा को बताया की हाल ही में जेल मंत्री के द्वारा निरीक्षण किया गया है कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं जल्दी जेल का शुभारंभ कर दिया जाएगा. 2015 में अखिलेश यादव ने महोला गांव में जेल का निर्माण शुरू कराया था. इसकी कार्यदायी संस्था निर्माण निगम ने इसकी लागात 189.91 करोड़ अनुमान लगाई थी.


फिर इस प्रोजेक्ट को मुलायम सिंह यादव को दिखाया गया जिस पर उनको पसन्द नही आया. इसके बाद इसमें कुछ बदलाव किए गए और लागत बढ़कर 252.26 करोड़ की गई थी. 2016 में इसका कार्य पूरा होना था. लेकिन बड़ा प्रोजेक्ट होने चलते नही हो सका और 2017 में सपा सरकार कार्यकाल खत्म होने के बाद जेल के निर्माण का कार्य बंद हो गया था.


सीएम योगी ने 8 महीने पहले किया था उद्घाटन
योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल के 2021 के आखिरी समय में इसका निर्माण पूरा हो सका. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 6 नवम्बर 2021 को इस सेंट्रल जेल में पहुंचकर इसका उद्घाटन किया था. लेकिन आठ माह बीत जाने के बाद भी अब तक इस जेल में न स्टाफ की तैनाती हुई और न ही विद्युतीकरण हुआ.


हाईटेक और भव्य बनाई गई जेल
यह सेंट्रल जेल करीब 51 एकड़ में बनी हुई है. इसमें 1942 बंदियों को रखने की क्षमता है. इसके अंदर 30-30 बंदियों के लिए 58 बैरक बनाये गए हैं. साथ ही किशोर बंदियों के लिए दो और महिला बंदियों के तीन बैरक बने हैं. इसके अंदर डबल हाई सिक्योरटी बैरक भी है. जिनमें शातिर और बड़े अपराधियों की कड़ी सुरक्षा में रखा जा सकेगा.


इसके लिए प्रत्येक बैरक में 12-12 बंदी रखे जाने की व्यवस्था है. इस सेंट्रल जेल में सुंदर प्रशासनिक भवन भी बनाया गया है. इसमें जेल अधीक्षक, जेलर और अन्य अफसरों के अलावा जेल अधिकारी कार्यालय और कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था की गई है. जेल कैम्पस में टाइप फोर के चार, टाइप तीन के तीन और टाइप टू के 120 आवास बने हैं.


बिजली और कर्मचारियों की कमी जल्द होगी पूरी
जेल अधीक्षक डॉक्टर रामधनी के मुताबिक सेंट्रल जेल पूरी तरह से तैयार है. इसमें विद्युत व्यवस्था और स्टाफ रखा जाना है. शासन को इसके लिए डिमांड भेज दी गई है. लखनऊ स्तर से बिजली व्यवस्था किया जाना है. जैसे ही शासन से हरी झंडी मिलेगी वैसे ही इसको शुरू कर दिया जाएगा.


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