Uttarakhand Voter: भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से समय-समय पर देशभर में मतदाता सूची को दुरुस्त रखने के लिए विशेष अभियान चलाए जाते हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने 1 जनवरी 2025 की अहर्ता तिथि के आधार पर राज्य में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी किया है. राज्य के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी.
इस विशेष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि मतदाता सूची को हर प्रकार से अपडेट रखा जा सके. इस पुनरीक्षण के माध्यम से राज्य के सभी पात्र मतदाताओं के नाम सूची में शामिल किए जा रहे हैं, ताकि 1 जनवरी 2025 की अहर्ता तिथि के आधार पर कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रह सके. जोगदंडे ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत आयोग ने उन नए मतदाताओं पर केंद्रित किया है जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं और आगामी चुनावों में मतदान के लिए पंजीकृत होना चाहते हैं. इस प्रक्रिया से मतदाता सूची की संपूर्णता और सटीकता सुनिश्चित होती है, जिससे राज्य में एक निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके.
उत्तराखंड में बढ़ी मतदाताओं की संख्या
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, 10 अक्टूबर 2024 तक किए गए इस पुनरीक्षण के तहत उत्तराखंड में कुल मतदाताओं की संख्या 83,71,700 हो गई है. इस अभियान के दौरान राज्य में 2,42,365 नए मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए हैं. नए पंजीकरणों में अधिकतर युवा मतदाता शामिल हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे और राज्य के भविष्य को निर्धारित करने में अपनी भूमिका निभाएंगे.
इस प्रक्रिया के अंतर्गत 1,14,088 ऐसे नाम भी हटाए गए हैं जो विभिन्न कारणों से अब मतदाता सूची में योग्य नहीं रहे. इसमें दिवंगत मतदाताओं के नाम, अन्यत्र स्थानांतरित हो चुके मतदाता, और डुप्लिकेट एंट्रीज शामिल हैं. इस पुनरीक्षण के बाद राज्य की मतदाता सूची में कुल 1,28,277 मतदाताओं की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
राज्य के सभी जिलों में चलाया जाएगा अभियान
जोगदंडे ने जानकारी दी कि इस पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी जिलों में कई चरणों में अभियान चलाए गए. पुनरीक्षण के प्रत्येक चरण में निर्वाचन विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि अधिक से अधिक योग्य मतदाताओं के नाम सूची में सम्मिलित हो सकें. इसके लिए स्थानीय स्तर पर मतदान केंद्रों पर विशेष शिविरों का आयोजन किया गया, जहां लोग अपनी जानकारी की पुष्टि करवा सकते थे और आवश्यकतानुसार बदलाव करवा सकते थे.निर्वाचन कार्यालय ने इस कार्य में स्कूलों और कॉलेजों के माध्यम से युवाओं को भी जागरूक करने का प्रयास किया. इसके अलावा, इस कार्यक्रम के तहत कई ऑनलाइन सेवाओं को भी बढ़ावा दिया गया ताकि लोग घर बैठे मतदाता सूची में अपनी प्रविष्टियों की जांच और सुधार कर सकें.
नए पंजीकरण की प्रक्रिया
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान मतदाता पंजीकरण को और सरल और प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं. मतदाता पंजीकरण के लिए लोग ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं और विभिन्न प्रकार के सुधार भी ऑनलाइन ही किए जा सकते हैं. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने कई मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल उपलब्ध कराए हैं, जिससे मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना, नाम में सुधार करना, स्थानांतरण और अन्य सुविधाएं सरलता से उपलब्ध हो रही हैं.
इस दौरान आयोग ने विभिन्न समुदायों और वर्गों के लोगों को, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और दुर्गम इलाकों में रहने वाले मतदाताओं को इस अभियान से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए हैं. राज्य भर में पुनरीक्षण कार्य में लगे अधिकारी और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया ताकि वे अपने कार्य को सटीकता और निष्पक्षता से पूरा कर सकें.
राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के प्रयास
विजय कुमार जोगदंडे ने यह भी कहा कि इस विशेष पुनरीक्षण अभियान का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को सटीक बनाना और किसी भी प्रकार की त्रुटियों को दूर करना है. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव हो सके. इस विशेष अभियान के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में सभी नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है.
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी योग्य मतदाताओं से अपील की कि वे मतदाता सूची में अपना नाम और विवरण अवश्य जांच लें और यदि किसी प्रकार की गलती हो तो तुरंत सुधार करवाएं. उन्होंने कहा कि आयोग ने इस उद्देश्य के लिए हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं ताकि लोग अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें और किसी भी चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें.
अंत में, जोगदंडे ने राज्य के नागरिकों से यह भी अनुरोध किया कि वे इस पुनरीक्षण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें ताकि सभी पात्र मतदाता सूची में शामिल हों और आगामी चुनावों में अपने मत का अधिकार बिना किसी रुकावट के इस्तेमाल कर सकें.
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