लखनऊ, एबीपी गंगा। चुनावी मौसम में चुनावी यादों के सिलसिले का दौरा जारी है। चुनावी यादों के सफर में हम फिर अतीत से जुड़ा एक यादगार किस्सा आपको बताने जा रहे है, जो सियासी गलियारों में आज भी जिंदा हैं। ये किस्सा इंदिरा गांधी और राजनारायण से जुड़ा हुआ है।


जब इंदिरा की भीड़ से खचाखच भारी राजनारायण की सभा


ये किस्सा आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव से जुड़ा है। 1977 का लोकसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट, काफी रोचक था वो चुनाव। आज के दौरे की तरह उस वक्त भरपूर संसाधन नहीं हुआ करते थे, हालांकि तब की चुनावी हलचल आज भी यादगार है। तब बस्ती जिले में ही संतकबीर नगर था।


एक दिन खलीलाबाद में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजनारायण सिंह की एक साभा थी। इंदिरा यहां कांग्रेस उम्मीदवार कृष्णचंद्र पांडेय के समर्थन में सभा करने आईं थीं, यह उनका यहां का पहला दौरा था। इधर, इंदिरा की सभा खत्म हुई और उधर मिडिल स्कूल में जनता पार्टी के प्रत्याशी बृजभूषण तिवारी के समर्थन में राजनारायण सिंह की सभा शुरू हुई।


फिर क्या था, इंदिरा की सभा में मौजूद भीड़ जनता पार्टी की सभा में पहुंच गई। इतनी भीड़ देखकर राजनायरण खुशी से फूले न समाए और बोल पड़े- वोट तिवारी को ही मिलेगा। उनका कहना सच साबित भी हुआ और बृजभूषण तिवारी जीत भी गए।


इस सभा में राजनारायण ने आपातकाल के पहले के कुछ किस्से जनता को सुनाए। उन्होंने कहा- "रायबरेली से जब पर्चा भरा, तो लोग कहने लगे राजनारायण पागल हैं। हारा तब भी और याचिका दायर की तब भी लोगों ने यहीं कहा। अदालत में जीत हासिल हुई, तब भी विरोधी यही कहते दिखे, लेकिन लक्ष्य प्राप्ति क ले पागल होना पड़ेगा।" उनके इन शब्दों को सुनकर जनता उनकी मुरीद हो गई और चुनाव परिणाम में इसका असर भी दिखा, तिवारी विजयी हुए।