लखनऊः उत्तर प्रदेश में पंचायतों के चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव पर टिकी हुई हैं. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इन चुनाव को टाल दिया गया था लेकिन अब राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों में खाली पड़े तकरीबन एक लाख 40 हज़ार सात सौ से ज्यादा पदों के लिए चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. यह माना जा रहा है कि 14 जून को चुनाव की गिनती के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में तेजी आएगी ऐसे में सियासी दल अपनी तैयारियों में जोर-शोर से जुट गए हैं. 


उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में 1,41,700 से ज्यादा पंचायत में रिक्त पड़े पदों पर चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. जिसमें जिला पंचायत सदस्य के 2 पद, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 54 पद, ग्राम प्रधान के 28 पद और सबसे ज्यादा पद ग्राम पंचायत सदस्य यानी पंच के हैं, जिनकी संख्या लगभग 1 लाख 41 हज़ार 712 है. जिसमें नामांकन की तारीख 6 जून जबकि 12 जून को वोट डाले जाएंगे और 14 जून को वोटों की गिनती होगी. ऐसे में अब यह साफ हो गया है कि इस चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रदेश में एक बार फिर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में तेजी आएगी और इस चुनाव की समाप्ति के बाद राज्य निर्वाचन आयोग जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर सकता है.


हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मई में इन चुनाव को टाला गया था. वैसे भी उत्तर प्रदेश में 12 जुलाई से पहले जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव हो जाना है क्योंकि प्रशासकों को जो अधिकार जिला पंचायतों के मिले हैं वह 12 जुलाई को खत्म हो रहे हैं. ऐसे में ये माना जा रहा है कि 20 जून के बाद प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो सकती है. प्रदेश में 75 जिला पंचायत अध्यक्षों के पद और 826 ब्लॉक प्रमुखों के पद पर चुनाव होना है. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में लगभग 20-22 दिन का वक़्त लगता हैं और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की प्रक्रिया में 8 से 10 दिन का समय लगता है.


यह चुनाव बैलट पेपर पर नहीं होंगे, चुनाव में जिला प्रशासन की तरफ से उम्मीदवारों के नाम का पर्चा छपवाया जाता है और वोटर को एक विशेष पेन दी जाती है जिससे वो टिक करता है. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है ऐसे में सत्ताधारी बीजेपी जिसे पंचायत चुनाव में सफलता हाथ नहीं लगी अब उसकी तैयारी है कि 75 में से ज्यादा से ज्यादा जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर कब्जा किया जाए. जबकि नाम घोषित करने में समाजवादी पार्टी अभी आगे है. और बीजेपी फिलहाल उम्मीदवारों की तलाश में जुटी है.


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